संविदा कर्मियों के नियमितीकरण पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: 10 साल से अधिक सेवा वालों को स्थाई करने का आदेश

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संविदा कर्मियों के नियमितीकरण पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: 10 साल से अधिक सेवा वालों को स्थाई करने का आदेश

रायपुर, 21 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में NIT रायपुर के 40 संविदा और वैधानिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण का आदेश दिया है। जस्टिस एके प्रसाद की अदालत ने चार महीने के भीतर इन कर्मचारियों को स्थायी पद पर नियुक्त करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह माना कि ये कर्मचारी पिछले 10 से 16 वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं और अब उनके पास पर्याप्त अनुभव भी है, जिससे उन्हें नियमित किया जाना न्यायोचित होगा।

नियुक्ति प्रक्रिया की पारदर्शिता पर जोर

याचिकाकर्ता नीलिमा यादव और रश्मि पाल नागपाल समेत 40 कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में अपनी सेवाओं के नियमितीकरण के लिए याचिका दायर की थी। उन्होंने तर्क दिया कि उनकी नियुक्ति पूरी तरह से वैधानिक प्रक्रिया के तहत हुई थी, जिसमें लिखित परीक्षा और इंटरव्यू शामिल था। इसके बाद मेरिट के आधार पर उनका चयन हुआ था। याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि वे स्थायी पदों पर कार्य कर रहे हैं और उनकी योग्यता उन पदों के अनुरूप है।

हाई कोर्ट का आदेश और प्रभाव

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि यदि कोई कर्मचारी 10 से 16 वर्षों तक एक पद पर सेवाएं दे चुका है, तो उसे स्थायी करना उचित होगा। कोर्ट ने NIT रायपुर को चार महीने के भीतर इन कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश दिया।

संविदा कर्मियों के लिए मिसाल बनेगा यह फैसला

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का यह फैसला संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए एक मिसाल बन सकता है। यह निर्णय अन्य सरकारी और अर्ध-सरकारी संस्थानों में भी प्रभाव डाल सकता है, जहां वर्षों से संविदा पर कार्यरत कर्मचारी नियमितीकरण की उम्मीद कर रहे हैं।

आगे की प्रक्रिया

हाई कोर्ट ने NIT रायपुर को यह सुनिश्चित करने के लिए चार महीने का समय दिया है कि सभी पात्र संविदा कर्मचारी स्थायी किए जाएं। यदि संस्थान इस आदेश का पालन नहीं करता है, तो कर्मचारियों को कानूनी सहारा लेने की छूट होगी।