हिमाचल सरकार पर मंदिरों से धन लेने का आरोप, जयराम ठाकुर और विहिप ने किया विरोध
शिमला, 28 फरवरी: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार पर मंदिरों से धन मांगने के आरोप लग रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने सरकार पर सनातन धर्म विरोधी नीतियां अपनाने और मंदिरों से धन लेकर सरकारी योजनाएं संचालित करने का आरोप लगाया है। इस मुद्दे पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
जयराम ठाकुर का आरोप
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार के नियंत्रण में आने वाले 36 प्रमुख मंदिरों से धन एकत्र कर ‘सुख आश्रय योजना’ और ‘सुख शिक्षा योजना’ जैसी सरकारी योजनाओं को चलाने की योजना बनाई जा रही है। ठाकुर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर वीडियो जारी कर सरकार की नीयत पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार अधिकारियों पर दबाव डालकर मंदिरों के फंड को सरकारी खजाने में जमा करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने आगे कहा, “यह पहली बार है कि किसी सरकार ने मंदिरों के धन का उपयोग सरकारी योजनाओं के लिए करने की योजना बनाई है। आपदा के समय ही मंदिर ट्रस्टों से मदद ली जाती थी, लेकिन अब इसे नियमित नीति बना दिया गया है, जो निंदनीय है।”
विहिप की कड़ी प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) भी भड़क गई है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने सोशल मीडिया पोस्ट में सरकार के इस कदम को “हिंदू आस्था पर हमला” बताया। उन्होंने कहा कि मंदिरों के धन का उपयोग सरकारी योजनाओं के लिए करना अस्वीकार्य है और सरकार को अपने इस फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए।
सरकारी आदेश की पुष्टि
जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश सरकार के कला, भाषा और संस्कृति विभाग ने 29 जनवरी को मंदिर ट्रस्टों को पत्र भेजा था। इस पत्र में मंदिरों से मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना और मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के लिए योगदान देने की अपील की गई थी। सरकार ने यह तर्क दिया कि मंदिरों का उपयोग सदैव धर्मार्थ और कल्याणकारी कार्यों के लिए किया जाता रहा है, इसलिए इस योजना में सहयोग देने से जनता को ही लाभ होगा।
विधानसभा में उठेगा मुद्दा
जयराम ठाकुर ने घोषणा की है कि इस फैसले के खिलाफ भाजपा विधानसभा सत्र में कड़ा विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि यह सरकार का अलोकतांत्रिक कदम है, जिसे हिंदू समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा।
सुख आश्रय योजना का उद्देश्य
गौरतलब है कि सुख आश्रय योजना अनाथ बच्चों, अकेली और निराश्रित महिलाओं और बुजुर्गों को सहारा देने के लिए शुरू की गई थी। इसी तरह सुख शिक्षा योजना का मकसद आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को शैक्षिक सहायता प्रदान करना है।
क्या कहती है सरकार?
सरकार की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, सत्तारूढ़ दल के कुछ नेताओं ने कहा है कि मंदिरों से धन लेकर उसे जनता के कल्याण में लगाना गलत नहीं है।