हिमाचल : सरकार ने अवैध कटान रोकने के लिए उठाया कदम, पैट्रोल, डीजल व बिजली से चलने वाले कटरों के लिए ,लाइसैंस होंगे अनिवार्य

हिमाचल : सरकार ने अवैध कटान रोकने के लिए उठाया कदम, पैट्रोल, डीजल व बिजली से चलने वाले कटरों के लिए ,लाइसैंस होंगे अनिवार्य

शिमला: प्रदेश सरकार ने अवैध कटान को रोकने के लिए अब पैट्रोल, डीजल और बिजली से चलने वाले कटरों की बिक्री के लिए लाइसेंस अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। इसके लिए एक नई नीति तैयार की जाएगी। इसके अलावा, सरकार जंगलों में हरित आवरण बढ़ाने के लिए महिला मंडलों को पेड़ लगाने और उनके संरक्षण के लिए जंगलों का हिस्सा सौंपेगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरवार को विधानसभा में गैर सरकारी सदस्य कार्यदिवस पर विधायक डॉ. जनक राज और सुखराम चौधरी द्वारा जलवायु परिवर्तन पर नीति बनाने के संदर्भ में लाए गए संकल्प के जवाब में दी।

इस संकल्प पर कुल 12 सदस्यों ने चर्चा की, जिसमें 5 सत्ता पक्ष और 7 विपक्ष के सदस्य शामिल थे। मुख्यमंत्री के जवाब से संतुष्ट होकर दोनों सदस्यों ने अपना संकल्प वापस ले लिया। सीएम ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 16वें वित्त आयोग से ग्रीन बोनस (वन बोनस) की मांग की है, क्योंकि हमारा क्षेत्र पूरी तरह वन क्षेत्र में आता है और इस वजह से विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि अगले साल पौधारोपण के लिए नीति बनाई गई है, जिसके तहत जंगलों में 60 प्रतिशत फलदार पौधे लगाए जाएंगे। पौधों का चयन भौगोलिक स्थिति के आधार पर किया जाएगा। सीएम ने कहा कि यदि महिला मंडल खाली पड़ी जमीनों पर पौधे लगाना चाहती हैं, तो सरकार उन्हें प्रोत्साहित करेगी और पंचायतों का सहयोग लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हिमाचल में वनों को आग से बचाने के लिए चीड़ के पौधों का रोपण बंद कर दिया गया है और देसी आम के पेड़ों के कटान पर भी रोक लगा दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कैंपों के तहत लाखों पौधे लगाए जाने का दावा किया जाता है, लेकिन अगर वास्तव में इतने पौधे लगाए गए होते, तो आज कोई खाली जगह नहीं बचती। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्या बन गई है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार बनने के बाद वन विभाग में कई सुधार किए गए हैं। नई पॉलिसी के तहत, गिरे हुए पेड़ों को गार्ड, डीएफओ की मंजूरी से ही उठाया जा सकेगा। यदि किसी की छत पर पेड़ गिर जाता है, तो गार्ड, डिप्टी रेंजर, डीएफओ और कंजर्वेटर को पेड़ हटाने की शक्ति दी गई है। यदि वन निगम इसे खरीदना नहीं चाहता, तो पंचायत इसे खरीद सकती है।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है। एक कंपनी 9 रुपए प्रति यूनिट की दर से ग्रीन एनर्जी खरीदने को तैयार है और इस पर बातचीत चल रही है।

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