हिमाचल सरकार का कड़ा रुख: पंजाब में बसों की सुरक्षा सुनिश्चित होने तक 600 बसों का संचालन रोकने का फैसला

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हिमाचल सरकार का कड़ा रुख: पंजाब में बसों की सुरक्षा सुनिश्चित होने तक 600 बसों का संचालन रोकने का फैसला

शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंजाब में हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HRTC) की बसों पर हो रहे हमलों को लेकर सख्त कदम उठाया है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने स्पष्ट किया कि जब तक पंजाब सरकार हिमाचली बसों की सुरक्षा की गारंटी नहीं देती, तब तक 600 बसें पंजाब में न रुकेंगी और न ही बस अड्डों पर पार्क की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यात्रियों, बस ड्राइवरों और कंडक्टरों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है, और इस मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

पंजाब-हिमाचल के डीजीपी के बीच बातचीत

इस मुद्दे को लेकर हिमाचल प्रदेश के डीजीपी ने पंजाब के डीजीपी से चर्चा की है। साथ ही, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी पंजाब के मुख्यमंत्री से संपर्क किया है। हिमाचल सरकार अब इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष भी उठाने की तैयारी में है। अगर जल्द ही स्थिति नियंत्रित नहीं होती, तो सरकार कुछ प्रमुख बस रूटों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय ले सकती है।

अमृतसर में HRTC की बसों पर हमला

शनिवार रात अमृतसर के बस स्टैंड पर अज्ञात लोगों ने HRTC की चार बसों पर हमला किया, उनकी विंडशील्ड तोड़ दी और खालिस्तान समर्थक नारे लिख दिए। घटना के दौरान बसों में कोई यात्री मौजूद नहीं था। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पहले भी हो चुकी हैं बसों पर हमले की घटनाएं

यह पहली बार नहीं है जब हिमाचल की बसों को निशाना बनाया गया हो। इससे पहले मोहाली के खरड़ इलाके में भी अज्ञात लोगों ने एक HRTC बस की खिड़कियों और विंडशील्ड को नुकसान पहुंचाया था। इन लगातार बढ़ती घटनाओं ने हिमाचल सरकार की चिंता बढ़ा दी है।

विवाद की जड़: भिंडरावाले के झंडे हटाने से उपजा तनाव

इस विवाद की शुरुआत कुछ दिनों पहले हिमाचल प्रदेश में हुई थी, जब स्थानीय लोगों ने पंजाब के कुछ युवकों की बाइकों से भिंडरावाले के झंडे हटा दिए थे। इसके बाद, दल खालसा और सिख यूथ ऑफ पंजाब के कार्यकर्ताओं ने होशियारपुर में HRTC बसों पर भिंडरावाले की तस्वीरें चिपकाकर विरोध दर्ज कराया था।

सरकार का कड़ा संदेश: सुरक्षा नहीं तो बस सेवा भी नहीं

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने स्पष्ट कर दिया कि यदि पंजाब सरकार हिमाचली बसों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करती, तो हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में बस सेवाओं को बंद करने से भी पीछे नहीं हटेगी। यदि हालात और बिगड़ते हैं, तो हिमाचल सरकार पंजाब में अपने बस रूट्स को सस्पेंड कर सकती है।

हिमाचल सरकार की सख्ती से साफ है कि वह अपने यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार इस मुद्दे पर जल्द से जल्द ठोस समाधान चाहती है, ताकि हिमाचल और पंजाब के बीच सुचारु परिवहन सेवा बनी रहे।