क्या हिमाचल की जनता प्रदेश में दल बदलुओं को फिर से देगी जनादेश।

प्रदेश में 14 महीने पहले विधानसभा चुनाव हुए जिसमें प्रदेश के तीन आजाद प्रत्याशियों को प्रदेश की जनता ने जनादेश देकर विधानसभा भेजा था। लेकिन 14 महीने में ही इन तीनों निर्दलीयों में सरकार से बगावत कर लोगों के जनादेश को दरकिनार कर अपनी विधायक की से इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए जबकि प्रदेश की जनता ने भाजपा और कांग्रेस को दरकिनार कर आजाद उम्मीदवारों को अपना जनादेश दिया था।

 

बता दें कि आजाद प्रत्याशियों ने भी जनता के भावनाओं को दरकिनार दल बदल लिया।

 

अब जनता का मोह आजाद प्रत्याशियों से भी भंग हो चुका है अब लोग इस असमंजस में है कि वह किसे चुने।

 

अगर प्रदेश की जनता की माने तो लोगों का कहना है कि प्रदेश के विकास और क्षेत्र की समस्याओं के हल करने के लिए उन्होंने आजाद प्रत्याशियों को समर्थन दिया था लेकिन वह भी उनके विश्वास पर खरा नहीं उतर पाए।

लोगों की माने तो 14 महीने में काम तो हुए नहीं साथ ही विधायकी से भी इन आजाद प्रत्याशियों ने इस्तीफा दे दिया। प्रदेश में फिर चुनाव होने जा रहा है जिसका आर्थिक बोझ आम जनता पर पड़ रहा है।

 

वही हमीरपुर जिला की बात की जाए तो हमीरपुर जिला से भाजपा के प्रत्याशी नरेंद्र ठाकुर कांग्रेस के प्रत्याशी पुष्पेंद्र वर्मा और पूर्व आजाद विधायक और आजाद प्रत्याशी आशीष शर्मा के बीच मुकाबला हुआ था जिसमें आशीष शर्मा को हमीरपुर की जनता ने आजाद प्रत्याशी के रूप में जनादेश देखकर विधानसभा भेजा था।

 

लेकिन भारी बहुमत मिलने के बावजूद 14 महीने बाद ही आशीष शर्मा ने प्रदेश सरकार से बगावत कर भाजपा में शामिल हो गए और अब फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी में है। लेकिन इसमें हमीरपुर की जनता को कहीं ना कहीं आघात पहुंचा है। अब देखना यह होगा कि क्या हमीरपुर की जनता फिर से वही आशीर्वाद आशीष शर्मा को देती है या नहीं।

 

वहीं प्रदेश कांग्रेस सरकार की बात की जाए तो हमीरपुर जिला से मुख्यमंत्री भी हैं और अगर हमीरपुर प्रत्याशी की बात करें तो डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा लगभग हमीरपुर सदर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी माने जा रहे हैं।

 

वहीं प्रदेश कांग्रेस ने भी हमीरपुर विधानसभा के लिए कमर कसना शुरू कर दी है और आशीष शर्मा के लिए इस बार हमीरपुर से चुनाव जीतना आसान नजर नहीं आ रहा है।

 

बरहाल अभी भाजपा के टिकट को लेकर भी असमंजस है, कि पुराने कार्यकर्ता को टिकट दी जाए या फिर आशीष शर्मा को ही भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरेगी। फिलहाल अटकलों का दौर जारी है भविष्य में क्या होगा यह दृश्य रोमांचक भरा होगा।