हिमाचल प्रदेश : 401 पेयजल योजनाओं पर सूखे की मार।

लंबे समय से बारिश न होने के कारण हिमाचल प्रदेश में सूखे की मार पड़ी है। वहीं, सीजन में पहली बार जल संकट सामने आया है। सरकार के पास पहुंची रिपोर्ट के अनुसार राज्य के विभिन्न जिलों में इन पेयजल योजनाओं का जल 25 फीसदी तक घट गया है। वहीं, मौसम की बेरुखी कुछ और दिन ऐसे ही रही तो अन्य पेयजल योजनाओं पर भी सूखे की मार पड़ेगी। प्रदेश में पिछले करीब दो माह से बारिश न होने के कारण और ज्यादा जल संकट गहराएगा। हिमाचल प्रदेश की 401 छोटी-बड़ी पेयजल योजनाओं पर सूखे की मार पड़ी है।

कई अन्य पेयजल योजनाओं का जल स्तर भी घटने की आशंका बनी हुई है। जल शक्ति विभाग ने प्रदेश की पेयजल योजनाओं पर निगरानी रखने के लिए कहा है। इस संबंध में सरकार को रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है। वर्तमान में प्रदेश के सभी जिलों में 9980 छोटी-बड़ी पेयजल योजनाओं से लोगों को पानी की आपूर्ति की जा रही है। इन योजनाओं में अभी तक स्थिति सामान्य बनी हुई थी। यह पहली बार है कि जब पेयजल योजनाओं में जल घटने की रिपोर्ट राज्य मुख्यालय में पहुंच रही है। हर हफ्ते सरकार पेयजल योजनाओं की स्थिति को लेकर रिपोर्ट मांग रही है।

बताते चलें कि जल शक्ति विभाग ने अपने 18 हजार कर्मचारी पेयजल योजनाओं पर निगरानी रखने के लिए फील्ड में तैनात किए हैं। 15 अप्रैल तक सूखे की स्थिति बनी रहती है तो फील्ड स्टाफ की छुट्टियां बंद की जाएंगी।

वहीं, हिमाचल जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ संजीव कौल कहते हैं कि विभाग पेयजल योजनाओं को लेकर फील्ड से रिपोर्ट मांग रहा है। इसे सरकार को भेजा जा रहा है। राज्य में 401 छोटी-बड़ी पेयजल योजनाओं का पानी 25 फीसदी तक कम हो गया है। फील्ड में तैनात स्टाफ से निगरानी रखने के लिए कहा गया है।