हिमाचल प्रदेश – निजी बस ऑप्रेटर्ज की मांग, 20 रुपए हो न्यूनतम किराया, आपकी क्या राय है।
प्रदेश में फिर से बसों में न्यूनतम किराया बढ़ाने की मांग उठी है। निजी बस ऑप्रेटर्ज ने न्यूनतम किराया बढ़ाने की मांग की है इस मुद्दे पर प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ के कई प्रमुख सदस्य एकजुट हुए हैं, जिनमें राजेश पराशर (अध्यक्ष), रमेश कमल (महासचिव), कांगड़ा से रवि दत्त शर्मा, चम्बा से मनोज केशव, हमीरपुर से विजय ठाकुर, कुल्लू से रजत जम्वाल, मंडी से गुलशन नंदा और हंस ठाकुर, बिलासपुर से राजेश पटियाल, सिरमौर से बलविंदर सिंह और शिमला से रोशन लाल कमल शामिल हैं। इन नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए प्रदेश सरकार से निवेदन किया है कि न्यूनतम किराया बढ़ाया जाए, ताकि बसों का उचित रखरखाव हो सके और बस ऑपरेटरों को वित्तीय संकट से उबारने के लिए सहायता मिल सके।
निजी बस ऑपरेटरों का कहना है कि, जबकि पूरे भारत में अधिकांश राज्यों में न्यूनतम बस किराया 15 रुपये से अधिक है, हिमाचल प्रदेश में यह किराया बहुत कम है। यह मांग प्रमुख रूप से पहाड़ी क्षेत्र के विशेष भौगोलिक और पर्यावरणीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए की गई है। हिमाचल प्रदेश का क्षेत्र पहाड़ी और दुर्गम होने के कारण, यहां बसों का संचालन करना अन्य राज्यों की तुलना में अधिक कठिन और महंगा है। बस ऑपरेटरों का मानना है कि, वर्तमान में न्यूनतम किराया 5 रुपये है, जो कि पर्याप्त नहीं है और इससे बसों के रखरखाव, मरम्मत, और कर्मचारियों के वेतन जैसे खर्चे पूरे करना मुश्किल हो रहा है।
इस विषय में, निजी बस ऑपरेटरों ने पंजाब का उदाहरण दिया है, जहां 12 वर्षों तक न्यूनतम किराया 5 रुपये था, लेकिन पिछले छह महीनों में पंजाब सरकार ने इसे बढ़ाकर 15 रुपये कर दिया है। इस बढ़ोतरी के बाद, पंजाब में बस ऑपरेटरों के लिए स्थिति काफी बेहतर हुई है। हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटरों का कहना है कि राज्य सरकार को भी इस दिशा में कदम उठाना चाहिए और न्यूनतम किराया बढ़ाकर 20 रुपये करना चाहिए, ताकि वे अपने बसों का सही तरीके से रखरखाव कर सकें और परिचालन के खर्चों को पूरा कर सकें।