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Himachal Mousam Alert :हिमाचल प्रदेश में सर्दी का सितम, इस दिन से होगी बारिश

Himachal Mousam Alert :हिमाचल प्रदेश में सर्दी का सितम, इस दिन से होगी बारिश

हिमाचल प्रदेश में इस वक्त सर्दी का असर बढ़ता जा रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर मैदानी इलाकों तक लोग सर्दी से कांप रहे हैं। जनजातीय इलाकों में तो पारा जमाव बिंदू के नीचे चला गया है। वहीं, शिमला की तुलना में राज्य के मैदानी और निचले हिस्सों में ठंड ज्यादा महसूस की जा रही है। कांगड़ा, हमीरपुर और सोलन की रातें शिमला से भी ज्यादा ठंडी हैं।मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार रात शिमला का न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कांगड़ा, हमीरपुर और सोलन में पारा क्रमशः 9.7 डिग्री, 9.3 डिग्री और 6 डिग्री सेल्सियस रहा। शिमला से सर्दी में पिछड़ने वाले अन्य प्रमुख शहरों में बिलासपुर और मंडी शामिल हैं, जहां न्यूनतम तापमान 9.7 डिग्री और 9.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ।

ज्यादा सर्दी का असर हिमाचल के जनजातीय इलाकों पर दिखाई दे रहा है। लाहौल-स्पीति के ताबो में पारा -5.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा कुकुमसेरी और केलंग में तापमान क्रमशः -1.5 डिग्री और 0.2 डिग्री सेल्सियस रहा। अन्य क्षेत्रों में कल्पा का तापमान 2.4 डिग्री, समधो का 3.4 डिग्री, और मनाली व बजुआरा का 5.1 डिग्री सेल्सियस रहा।मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 15 और 16 नवंबर को हिमाचल के मध्यवर्ती और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। लाहौल-स्पीति, किन्नौर, चम्बा, कुल्लू, शिमला, सिरमौर और सोलन जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी के आसार हैं। हालांकि, मैदानी क्षेत्रों में मौसम में ज्यादा बदलाव नहीं होगा।मौसम विभाग ने 15 से 18 नवंबर तक मैदानी क्षेत्रों में घने कोहरे की संभावना जताई है। बिलासपुर, हमीरपुर, ऊना और मंडी जिलों में सुबह और शाम के समय कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया गया है। विभाग ने वाहन चालकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है, क्योंकि कोहरे की वजह से दृश्यता कम हो रही है। गुरुवार को बिलासपुर में दृश्यता महज 200 मीटर और मंडी में 500 मीटर रही।

हिमाचल में पिछले डेढ़ महीने से बारिश नहीं हुई है, जिससे कई जिले सूखा प्रभावित हो चुके हैं। किसान और बागवान इस समय बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वर्षा की कमी के कारण गेहूं, जौ और मटर की बिजाई में देरी हुई है, और सेब के पौधों को भी पर्याप्त नमी नहीं मिल रही है, जिससे उनकी ग्रोथ प्रभावित हो रही है। यह स्थिति अगले साल के सेब सीजन पर प्रतिकूल असर डाल सकती है। अक्टूबर महीने में सामान्य से 98 फीसदी कम बारिश हुई थी, जबकि इस महीने अब तक एक बूंद भी नहीं गिरी है।

अगले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव आने के साथ ही राज्यवासियों को राहत मिल सकती है, लेकिन तब तक सर्दी और कोहरे से जूझने के लिए तैयार रहना होगा।

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