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प्रदेश की अराजक स्थिति और सरकार की प्रतिशोध की नीति पर माननीय उच्च न्यायालय का हस्तक्षेप: राजेंद्र राणा

प्रदेश की अराजक स्थिति और सरकार की प्रतिशोध की नीति पर माननीय उच्च न्यायालय का हस्तक्षेप: राजेंद्र राणा

हमीरपुर, 11 जनवरी। सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि प्रदेश में सरकार की प्रतिशोधपूर्ण कार्यशैली और अराजक नीतियों के चलते माननीय उच्च न्यायालय को बार-बार हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय इस बात के प्रमाण हैं कि सरकार को कोर्ट से कड़ी फटकार मिली है।
राजेंद्र राणा ने बद्दी से राजनीतिक कारणों से ट्रांसफर की गई एसपी इलमा अफरोज का उदाहरण देते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने इस ईमानदार और सख्त अफसर को दोबारा बद्दी एसपी के पद पर तैनात करने का आदेश दिया है। यह निर्णय सरकार की निरंकुशता पर एक कड़ा तमाचा है और यह दर्शाता है कि सरकार ईमानदार अधिकारियों के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति कर रही है।
उन्होंने मुख्यमंत्री सुक्खू पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक विरोधियों से खुन्नस निकालने के लिए अफसरशाही का दुरुपयोग कर रहे हैं और झूठे मामले दर्ज करवाने के निर्देश दे रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि सरकार की बार-बार कोर्ट में फजीहत हो रही है।
*मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप*
राजेंद्र राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने गृह और वित्त जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय अपने पास रखे हैं, लेकिन विजन के अभाव के कारण इन मंत्रालयों का सही संचालन नहीं हो रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि मुख्यमंत्री को इन मंत्रालयों को अपने मंत्रिमंडल के विजनरी मंत्रियों के बीच बांटना चाहिए ताकि प्रदेश को बेहतर प्रशासन मिल सके।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। मुख्यमंत्री के पास राजनीतिक तजुर्बे और विजन का अभाव है। इसी तरह गृह मंत्रालय के कुप्रबंधन के चलते प्रदेश अराजकता की ओर बढ़ रहा है।
*सरकार को चेतावनी*
राजेंद्र राणा ने चेतावनी दी कि अगर सरकार अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं करती है तो जनता इसका कड़ा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को राहत देने के बजाय सरकार प्रतिशोध की राजनीति में व्यस्त है।
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