एचआरटीसी की नगरोटा-शिमला रूट की नान स्टाप बस के शिमला शहर के समीप हीरानगर में हाईवे किनारे दुर्घटनाग्रस्त होने से एक युवक की जान चली गई, जबकि हादसे में 20 से ज्यादा यात्री चोटिल हुए हैं। इनमें कईयों की हालत गंभीर है। राजधानी में हुए इस हादसे ने शासन-प्रशासन के राहत व बचाव इंतजामों के पोल खोल कर रख दिए।
प्रशासनिक बदइंतजामी ने 23 वर्षीय युवक की जान ले ली। हमीरपुर निवासी आकाश की मौत से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। शहर के पास हुए इस हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। साथ ही सरकारी बदइंतजामी को भी उजागर कर दिया।
दरअसल, बस के नीचे दबे दो यात्रियों को निकालने में कई घंटे लग गए। दोनों यात्री घंटों तक दर्द से कराहते रहे। सरकारी मशीनरी को घटनास्थल पर पहुंचने में दो घंटे लग गए। हद तो तब हो गई, जब राहत कार्य के लिए पहुंची एक क्रेन का रस्सा टूट गया। इसके बाद उपनगर ढली से दूसरी क्रेन को बुलाया गया, जिसे पहुंचने में भी वक्त लगा। इस वजह से दोनों यात्री घंटों बस के नीचे दबे रहे।