भारत ने सिंधु जल संधि को किया निलंबित, सिंधु जल संधि रोके जाने के बाद भारत क्या-क्या कर सकता है? यहां पढ़ें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित करने का निर्णय लिया। यह संधि अब तक तीन युद्धों के बावजूद प्रभावी रही थी, लेकिन अब इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर स्थगित कर दिया गया है।
पाकिस्तान की तीखी प्रतिक्रिया
भारत के इस कदम पर पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तानी ऊर्जा मंत्री अवैस लेखारी ने इसे “जल युद्ध” करार देते हुए कहा कि यह एक कायराना और अवैध कदम है।
अन्य कड़े कदम
भारत सरकार ने निम्नलिखित कदम भी उठाए हैं:
अटारी-वाघा सीमा को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है।
पाकिस्तानी नागरिकों के लिए SAARC वीजा छूट योजना को निलंबित कर दिया गया है।
पाकिस्तानी राजनयिकों की संख्या घटाकर 30 कर दी गई है।
पाकिस्तान का जवाबी कदम
पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है और सभी द्विपक्षीय समझौतों, जिनमें शिमला समझौता भी शामिल है, को निलंबित करने की घोषणा की है।
भविष्य की चिंताएं
विशेषज्ञों का मानना है कि सिंधु जल संधि का निलंबन पाकिस्तान की कृषि और जल सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। हालांकि, भारत के पास अभी पूरी तरह से पानी रोकने की क्षमता नहीं है, लेकिन भविष्य में यह संभव हो सकता है।