सेना के जवान का प्रेरणादायक कदम: माँ के अंगदान से दिया नई ज़िंदगी का तोहफा

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सेना के जवान का प्रेरणादायक कदम: माँ के अंगदान से दिया नई ज़िंदगी का तोहफा

भारतीय सेना के जवान न केवल देश की सीमाओं की रक्षा में तत्पर रहते हैं, बल्कि समाज सेवा में भी हमेशा आगे रहते हैं। ऐसा ही एक प्रेरणादायक उदाहरण जालंधर छावनी में देखने को मिला, जहाँ एक जवान ने अपनी ब्रेन डेड माँ के अंगदान का साहसिक निर्णय लेकर कई ज़रूरतमंद लोगों को नया जीवन देने में योगदान दिया। सेना के इस महान कार्य की हर ओर सराहना की जा रही है।

माँ के अंगदान से बना मानवता की मिसाल

सेना के नायक राणा, जो हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं, उनकी माँ लंबे समय से बीमार थीं और जालंधर कैंट के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती थीं। डॉक्टरों ने एक सप्ताह पहले उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। इस कठिन घड़ी में जवान ने अपनी माँ के महत्वपूर्ण अंग दान करने का फैसला किया, जिससे जरूरतमंद मरीजों को नया जीवन मिल सके।

दिल्ली से एयरक्राफ्ट के ज़रिए विशेष टीम की तैनाती

इस नेक कार्य को अंजाम देने के लिए आर्मी के वरिष्ठ अधिकारियों ने तुरंत सहमति दी और दिल्ली के आर.आर. आर्मी हॉस्पिटल से एक विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को बुलाया गया। यह टीम विशेष एयरक्राफ्ट से आदमपुर एयरबेस पहुंची, जहां से उन्हें जालंधर मिलिट्री अस्पताल लाया गया।

सफल ऑपरेशन और अंगों का सुरक्षित ट्रांसप्लांट

जालंधर मिलिट्री अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने नायक राणा की माँ के दोनों किडनी और आँखों का कॉर्निया सुरक्षित निकालकर दिल्ली से आई मेडिकल टीम को सौंप दिया। इन अंगों को तय समय सीमा के भीतर ज़रूरतमंद मरीजों तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने विशेष ‘ग्रीन कॉरिडोर’ तैयार किया, जिससे टीम को आदमपुर एयरबेस तक सुरक्षित और तेज़ी से पहुँचाया गया। रात 11 बजे एयरक्राफ्ट के ज़रिए यह अंग दिल्ली रवाना किए गए, जहां ट्रांसप्लांट कर ज़रूरतमंद मरीजों को नई ज़िंदगी दी गई।

मिलिट्री अस्पताल में पहली बार हुआ ऐसा ऐतिहासिक प्रयास

यह पहली बार था जब किसी जोनल मिलिट्री अस्पताल में इतने बड़े स्तर पर अंगदान और ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस अभियान का नेतृत्व कर्नल प्रियरंजन ने किया, जबकि जालंधर मिलिट्री अस्पताल में ब्रिगेडियर के.के. आस्था, कर्नल अनीरबन गुप्ता, कर्नल विजय सिंह कनियाल, कर्नल पुनीत अग्रवाल और अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों ने अहम भूमिका निभाई।

सेना और प्रशासन ने किया परिवार का आभार व्यक्त

91 सब एरिया के जी.ओ.सी. ब्रिगेडियर एस.के. सोल ने नायक राणा और उनके परिवार के इस निर्णय के प्रति आभार जताया। उन्होंने मिलिट्री अस्पताल जालंधर और आर.आर. आर्मी अस्पताल दिल्ली की टीम को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने इस मानवता की मिसाल को हकीकत में बदलने में मदद की।

नायक राणा का यह साहसिक कदम समाज में अंगदान को लेकर जागरूकता फैलाने और ज़रूरतमंदों को जीवनदान देने की प्रेरणा देता है। यह कहानी मानवता की सच्ची मिसाल है, जो बताती है कि भारतीय सेना न केवल सीमाओं की रक्षा करती है बल्कि समाज की बेहतरी में भी अहम योगदान देती है।