समाज के विकास के लिए बेहतर मार्गदर्शक होना आवश्यक – डॉ. शांडिल

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समाज के विकास के लिए बेहतर मार्गदर्शक होना आवश्यक – डॉ. शांडिल

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि समाज के विकास के लिए सभी कार्यक्षेत्रों में बेहतर मार्गदर्शक का होना आवश्यक है। डॉ. शांडिल गत देर सांय सोलन ज़िला के कसौली उपमण्डल स्थित द लॉरेंस स्कूल सनावर में आयोजित ‘लीडरशिप कॉनक्लेव-आई कैनः लीडरशिप विद हार्ट इन ए वी.यू.सी.ए. वर्ल्ड’ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
डॉ. शांडिल ने कहा कि समाज को बेहतर बनाने में एक दूरदर्शी एवं संवेदनशील मार्गदर्शक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि ‘लीडरशिप कॉनक्लेव-आई कैनः लीडरशिप विद हार्ट इन ए वी.यू.सी.ए. वर्ल्ड’ कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों में आत्मविश्वास, मार्गदर्शक, संप्रेषण कौशल, वक्ता कौशल, विवाद समाधान कौशल, टीम वर्क, कूटनीति इत्यादि कौशल सीखने का अवसर मिला है।
उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम युवाओं को भविष्य के बेहतरीन मार्गदर्शक बनाने में सहायक सिद्ध होते है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की प्रगति के लिए न केवल प्राकृतिक संसाधनों की आवश्यकता होती है, बल्कि मानव संसाधनों की भी आवश्यकता होती है। 21वीं सदी में हमें ऐसे संसाधनों की आवश्यकता है जो नवाचार को बढ़ावा दे सके और कौशल को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित कर सके।
डॉ. शांडिल ने कहा कि अस्थिरता से निपटने तथा इसे अवसर में बदलने की जानकारी होना आवश्यक है। इस उद्देश्य की पूति के लिए प्रत्येक विद्यालय स्तर एवं महाविद्यालय स्तर पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए। उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास व उन्नतिशील सोच से भरे बच्चे ही देश, प्रदेश व ज़िला का विकास सुनिश्चित बना सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बच्चों के व्यक्तित्व को निखारने में अध्यापकों की अहम भूमिका रहती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों एवं पुरातन संस्कारों का ज्ञान देने भी आवश्यक है। शिक्षा और नैतिक मूल्यों के सामंजस्य से ही युवा एक बेहतर नागरिक बनता है। उन्होंने बच्चों से नशे जैसे कुरीति से दूर रहने का आग्रह भी किया।
डॉ. शांडिल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के संवेदनशील नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने बेसहारा बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना आरम्भ की है। योजना के तहत कानून बनाकर निराश्रित बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा दिया है। उन्होंने कहा कि निराश्रित बच्चों की पढ़ाई तथा अन्य खर्चे सरकार द्वारा वहन किए जा रहे हैं।
उन्होंने द लॉरेंस स्कूल सनावर द्वारा आयोजित ‘लीडरशिप कॉनक्लेव-आई कैनः लीडरशिप विद हार्ट इन ए वी.यू.सी.ए. वर्ल्ड’ कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों के आत्मविश्वास में निखार लाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
डॉ. शांडिल ने विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर बच्चों को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।
तहसीलदार कसौली जगपाल सिंह, द लॉरेंस स्कूल सनावर के मुख्य अध्यापक हिम्मत सिंह ढिल्लों, सेवानिवृत्त कर्नल संजय शांडिल, पूनम शांडिल, डॉ. दीपाली, डॉ. जितेन्द्र, अशोक मैसी, एल्विन मैसी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।