स्वावलम्बी भारत बनाने हेतु कार्यों के अवसर बढ़ाना आवश्यक : प्रो . वीर सिंह रांगडा।

ब्यूरो शिमला –  प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता, मानव शक्ति की विपुलता और अंतर्निहित उद्यम-कौशल के माध्यम से भारत को स्वावलम्बी बनाया जा सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हिमाचल प्रांत संघचालक प्रो. (डॉ.)वीर सिंह रांगड़ा ने शिमला प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिवर्ष होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक इस बार गुजरात राज्य के कर्णावती (अहमदाबाद) में 11 मार्च से 13 मार्च तक आयोजित की गयी। जिसमें स्वालम्बी भारत हेतु कार्यों के अवसर बढ़ाने हेतु एक प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही संघ कार्य का विस्तार किस प्रकार से हो इस बारे में विस्तार से चर्चा की गयी।
प्रो. वीर सिंह रांगड़ा ने कहा कि भारत अपने कृषि, विनिर्माण, और सेवा क्षेत्रों को परिवर्तित करते हुए कार्य के पर्याप्त अवसर उत्पन्न कर अर्थव्यवस्था को उच्च स्तर पर ले जाने की क्षमता रखता है। विगत कोविड-19 महामारी के कालखंड में जहाँ हमने रोजगार तथा आजीविका पर उसके प्रभावों का अनुभव किया है, वहीं अनेक नए अवसरों को उभरते हुए भी देखा है, जिनका समाज के कुछ घटकों ने लाभ उठाया है। कोरोना काल के पश्चात् अब संघ का कार्य 98.6 प्रतिशत पुनः तेजी गति से प्रारंभ हो गया है। अ.भा. प्रतिनिधि सभा ने इस बात पर बल दिया है कि रोजगार की इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करने हेतु समूचे समाज को ऐसे अवसरों का लाभ उठाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभानी होगी। ग्रामीण रोजगार, असंगठित क्षेत्र एवं महिलाओं के रोजगार और अर्थव्यवस्था में उनकी समग्र भागीदारी जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देना चाहिए, हमारी सामाजिक परिस्थिति के अनुरूप नई तकनीकी तथा सॉफ्ट स्किल्स को अपनाने के प्रयास करना आवश्यक है।
प्रो . वीर सिंह रांगड़ा ने कहा कि वर्ष 2025 में संघ स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे में संघ वृह्द विस्तारक योजना ले रहा है। वर्तमान में हिमाचल प्रांत में संघ की 765 शाखाएं, 286 साप्ताहिक मिलन और 72 मासिक मंडलियां कार्यरत हैं। संघ कार्य के विस्तार का लक्ष्य लेकर हर वर्ष दो बार कार्यकारी मंडल, प्रतिनिधि सभा कार्य की समीक्षा करती है, अभी देशभर में 50 प्रतिशत मंडलों में संघ कार्य पहुंचा है, आने वाले दो वर्ष में सभी मंडलों में कार्य पहुंचाने का लक्ष्य रखा है व इसकी योजना भी बनी है। शहरी क्षेत्रों में 45 प्रतिशत बस्तियों में संघ कार्य है, दो वर्षों में इसे भी सभी बस्तियों में ले जाने का लक्ष्य व योजना है। अ.भा. प्रतिनिधि सभा की बैठक में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि संघ कार्य बढ़ाने का उद्देश्य संख्यात्मक आंकड़ों या गर्व के लिए नहीं है, संघ के स्वयंसेवक हर बस्ती-मंडल में हैं। राष्ट्रीयता, राष्ट्र भावना को आगे बढ़ाने वाला एक व्यक्ति है, जो समाज के संकट के समय संवेदना से समाज के सब लोगों को जोड़ने वाला होता है। इसलिए संघ की अपने संगठन की ताकत बढ़ाना यह हमारा उद्देश्य नहीं है। समाज की आंतरिक शक्ति बढ़नी चाहिए। सामाजिक एकता, समरसता, संगठन भाव बढ़ाना है। इसलिए संघ की शाखा है। इसी भावना को समझते हुए समाज ने सहयोग किया है व स्वीकार किया है। इस पत्रकार वार्ता में साईं इंजीनियरिंग फाउंडेशन के सीईओ और शिमला विभाग के संघचालक राजकुमार वर्मा और प्रांत प्रचार प्रमुख महीधर प्रसाद भी उपस्थित रहे।