दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा से न्यायिक कार्य वापस, नकदी बरामदगी विवाद गहराया
नई दिल्ली, 24 मार्च 2025: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए जस्टिस यशवंत वर्मा से तत्काल प्रभाव से न्यायिक कार्य वापस ले लिया है। इस संबंध में हाईकोर्ट ने 24 मार्च को एक सप्लीमेंट्री केस लिस्ट जारी की, जिसमें यह आदेश स्पष्ट रूप से उल्लिखित है। हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर यह कार्रवाई की गई है, लेकिन न्यायालय की ओर से इस फैसले के पीछे के सटीक कारणों का खुलासा नहीं किया गया है।
क्या है मामला?
सूत्रों के अनुसार, जस्टिस वर्मा के आवास से नकदी बरामद होने की खबरों के बाद यह निर्णय लिया गया। 22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इस संदर्भ में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय की जांच रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक की। रिपोर्ट में तस्वीरें और वीडियो शामिल हैं, जिनमें जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास से अधजली नोटों की चार से पांच बोरियां बरामद होने का दावा किया गया है।
जस्टिस वर्मा ने आरोपों को किया खारिज
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने इन आरोपों को साजिश करार देते हुए कड़ी निंदा की है। उन्होंने अपने जवाब में स्पष्ट किया कि उनके या उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने कभी भी कोई नकदी अपने आवास के स्टोररूम में नहीं रखी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह मामला उन्हें बदनाम करने की साजिश है।
आगे क्या?
दिल्ली हाईकोर्ट के नोटिस के अनुसार, जस्टिस वर्मा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ-III के कोर्ट मास्टर पहले से सूचीबद्ध मामलों में नई तारीखें निर्धारित करेंगे। न्यायिक कार्य वापस लिए जाने के फैसले को लेकर आगे के आदेशों का इंतजार किया जा रहा है।