हरियाणा चुनाव से ठीक पहले राम रहीम फिर जेल से बाहर, बलात्कार के दोषी को अब तक मिली 235 दिन की आज़ादी।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव से बमुश्किल दो महीने पहले बलात्कार के दोषी और डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह एक बार फिर फरलो पर बाहर है और इस बार 21 दिनों के लिए. उसे मंगलवार सुबह रोहतक की सुनारिया जेल से रिहा किया गया और तब से वे उत्तर प्रदेश के बागपत के बरनवारा गांव में संप्रदाय के आश्रम में है.

2017 में पहली बार दोषी ठहराए जाने के बाद से डेरा प्रमुख को पैरोल या फरलो दिए जाने का यह 10वां मामला है और हरियाणा, पंजाब या राजस्थान में चुनाव से पहले छठा मामला है, जहां उसके समर्थक बड़ी संख्या में है. वे 235 दिनों से जेल से बाहर है. 25 अगस्त, 2017 से राम रहीम दो महिला अनुयायियों के बलात्कार के लिए 20 साल की जेल की सज़ा काट रहा है. इसके अलावा, उसे दो आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई: एक जनवरी 2019 में पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या में और दूसरी अक्टूबर 2021 में पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या में.

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इस साल मई में दूसरे मामले में उसे बरी कर दिया.

घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मारे गए पत्रकार राम चंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल ने मंगलवार को बताया कि परिवार इस महीने की शुरुआत में राज्य सरकार को डेरा प्रमुख को पैरोल या फरलो देने का विवेकाधिकार देने के हाई कोर्ट के फैसले से निराश है.

उन्होंने पूछा, “क्या यह विडंबना नहीं है कि हरियाणा सरकार एक ऐसे व्यक्ति को पैरोल के लिए अच्छे आचरण का प्रमाण पत्र दे रही है जो 2017 में दोषी ठहराए जाने पर 36 लोगों की मौत और हिंसा में करोड़ों की सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार था?”

.इस साल 9 अगस्त को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने डेरा प्रमुख की अस्थायी रिहाई की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकार को बिना किसी “मनमानी या पक्षपात” के अनुरोध पर विचार करना चाहिए. नतीजतन, हरियाणा की भाजपा सरकार ने इस शर्त पर फरलो की अनुमति दी कि फरलो की पूरी अवधि के दौरान राम रहीम बरनावा में डेरा आश्रम में रहेगा.