किन्नौर : बादल फटने से नालों में आई बाढ़ से तबाही, सेब-राजमाह की फसल को भारी नुकसान

भारत-चीन अंतराष्ट्रीय सीमा से सटे किन्नौर जिला के शलखर पंचायत क्षेत्र में सोमवार देर शाम तेज बारिश के बीच बादल फटने की घटना में सरकारी व गैर सरकारी सम्पति को भारी नुकसान हुआ है। सोमवार शाम के उस भयानक मंजर को देख ग्रामीण अब भी सहमे हुए है। यहां के बड़े बुजुर्गों का कहना है कि आज तक के लंबे जीवन काल में इस तरह की तेज मूसलादार बारिश ऐसे शीत मरुस्थल क्षेत्र में पहले कभी नहीं देखा गया।

सोमवार की इस घटना के दौरान सभी नदी- नालों का जल स्तर बढ़ने से गांव में अफरा-तफरी का माहौल रहा। ग्रामीणों का कहना है कि इतनी तेज बारिश उन्होंने पहले कभी नहीं देखी। इस दौरान बाढ़ का मलबा ग्रामीणों के खेत खलियानों में घुसने से कई ग्रामीणों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बाढ़ का तेज बहाव कई ग्रामीणों के खेत तक बहा ले गया। इस दौरान जहां बाढ़ का मलबा कई ग्रामीणों के घरों, हाईवे व सीमा सड़क संगठन के बैरकों में चला गया। इस दौरान कई वाहनो को भी क्षति हुई है।

शलखर-चांगो के बीच सड़क मार्ग 18-20 घंटों तक अवरुद्ध रहा। सोमवार शाम 5, 6 बजे के बीच हुई इस घटना के दौरान तेज बारिश का पानी व बाढ़ का मलबा शलखर गांव के कई ग्रामीणों के खेतों को अपने साथ बहा ले गया। इस दौरान कई ग्रामीणों के सेब, राजमाह व नकदी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। कई स्थानों में बाढ़ का मलबा 4- 4 फीट तक देखा जा रहा है।

आप को बता दें कि सोमवार इसी दौरान शलखर गांव के साथ लगते चांगो क्षेत्र में भी तेज बारिश होने से गांव के साथ लगते नाले में भी बाढ़ का जलस्तर बढ़ने से खार्गो गोंपा को जाने वाला फुट ब्रिज भी बाढ़ में बह गया। शलखर गांव में हुए इस भयानक मंजर को देख शलखर के कई ग्रामीण पूरी रात सुरक्षित स्थानों में शरण लेने को मजबूर हुए।

शलखर में हुई इस घटना के बाद मंगलवार को प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी सहित जिला परिषद सदस्य शांता कुमार ने भी घटनास्थल पर पहुंच कर नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत ने प्रभावितों से मिल कर सरकार द्वारा हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।

उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि भारी बारिश से किसानों व बागवानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट शीघ्र तैयार करें, ताकि ग्रामवासियों को हुए नुकसान की भरपाई में सहायता प्रदान की जा सके। उपायुक्त सुरेंद्र सिंह राठौर ने बागवानी, सिंचाई एवं जन-स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नुकसान का आंकलन तैयार कर रिपोर्ट शीघ्र अति शीघ्र प्रस्तुत करें। ताकि ग्रामवासियों को बाढ़ से हुए नुकसान का मुआवजा दिया जा सके।