लोगों को परेशान करके और सरकारी अमले का दुरुपयोग करके कर रही भाजपा अपनी रैलियां : लखनपाल 

आज बड़सर विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि भाजपा सरकार सरकारी कार्यक्रमों के बहाने भाजपा की रैलियां कर रही है और इन रैलियों में सिर्फ भाजपा का प्रचार किया जा रहा है ये कैसी सरकार है जो लोगों को परेशान करके अपनी रैलियों में जबरदस्ती बुला रही है ! अपनी रैलियों को सफल बनाने के लिए सरकारी कर्मचारियों सरकार का खौफ दिखाकर लोगों को बुलाने के लिए बोला जा रहा है हिमाचल पथ परिवहन निगम हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए यातायात का एकमात्र सरकारी साधन है। अधिकतर लोग HRTC की बस से अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करते हैं। स्कूल और कॉलेज के छात्रों ने इन बसों में जाने के लिए बस पास बनवाए हैं। क्योंकि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के चुनाव जल्दी ही आने वाले हैं, इसलिए प्रदेश की सत्ता में बैठी भाजपा की सरकार अपनी रैलियों और जनसभाओं को कामयाब करने के लिए HRTC की बसों का दुरुपयोग कर रही है। इन रैलियों के माध्यम से सिर्फ़ भाजपा का प्रचार किया जा रहा है ! सरकारी कार्यक्रम के बहाने सरकार को भाजपा द्धारा लूटा जा रहा है जो की अति निंदनीय है ये कैसे सरकारी कार्यक्रम हैं जिसमें केवल भाजपा के ही लोगों को बुलाया जा रहा है ! इसको कामयाब करने के लिए तमाम क्षेत्रों से लोगों की भीड़ इकट्ठी करने के लिए HRTC की बसों को भेजा जा रहा है। बहुत से क्षेत्रों में बसें तो भेजी जा रही हैं, मगर उनमें बैठने के लिए लोग नहीं आ रहे हैं। पिछले 3-4 दिनों से स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्रों और दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों को या तो किसी से लिफ्ट लेकर जाना पड़ रहा या फिर किसी और बस का इंतजार करते हुए लोग अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए लेट हो जा रहे हैं। छात्रों और कर्मचारियों के साथ-साथ आम जनता को भी इस वजह से बहुत मुश्किल झेलनी पड रही । कोई समय से अस्पताल नहीं पहुंच पा रहा तो किसी को अपनी दुकान खोलने में देर हो रही है सरकार इसलिए चुनी जाती है कि जनता की समस्याओं का निवारण किया जा सके, परंतु यहां तो सरकार ही जनता के लिए समस्या खड़ी कर रही है। HRTC की तमाम बसों को उनके रूट पर न भेजकर, जनसभा में लोगों को इकट्ठा करने के लिए भेजना सरकारी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। आए दिन अखबारों के माध्यम से बताया जाता है कि HRTC घाटे में चल रही है। लेकिन अपनी पार्टी की रैलियों और जनसभाओं के समय यह घाटा किसी को दिखाई नहीं देता। अगर अपनी पार्टी की रैलियां और जनसभाएं करनी ही हैं तो अपनी पार्टी के फंड से पैसा लगाकर की जाएं। इसके लिए जनता के पैसे का दुरुपयोग क्यों किया जा रहा है। आखिर क्यों जनता को लगातार कर्ज़ के बोझ तले दबाया जा रहा है? जनता को लूटने का यह काम कब तक यूं ही चलता रहेगा? एक हफ्ते से बसों के उनके रूट पर न जाने से जो घाटा होगा उसकी भरपाई कौन करेगा? क्या भाजपा के लोग चंदा देकर इस घाटे को पूरा करेंगे? क्या सरकारी खजाने से इस घाटे को पूरा किया जाएगा? क्या सरकारी अफसरशाही या भाजपा के नेता अपनी जेब से इसकी भरपाई करेंगे? इस घाटे को कैसे पूरा जाएगा? सरकार का लोगों के प्रति यह रवैया ठीक नहीं है। आने वाले समय में जनता द्वारा इसका जबाव जरूर दिया जाएगा।…