जानें बाल अध्यक्ष लविश नेगी को क्यों देनी पड़ी चेतावनी।

शिमला. 12 जून को हिमाचल प्रदेश विधानसभा बाल सत्र के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और बाल सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते हुए नेता प्रतिपक्ष के साथ पूरा विपक्ष सदन की वेळ में आ खड़ा हुआ. सदन के सुचारु संचालन हेतु इस विशेष सत्र के स्पीकर ने विपक्ष को सत्र स्थगित करने की चेतावनी दे दी. यह मौका था जब नचन से बाल विधायक सुश्री तन्वी ने पूछा की प्रदेश में बच्चों द्वारा बढ़ रहे नशे के उपयोग एवं उन्हें इसके बाद ठीक करने हेतु राज्य में कितने नशा मुक्ति केंद्र है सरकार से जिले वार विवरण सदन के सभा पटल पर रखने की मांग कि?

इस उत्तर का जवाब देते हुए उप-मुख्यमंत्री एवं कसौली से विधायक श्री तुषार आनंद जिले वार सुची सदन के सभा पटल पर भी रखी, परन्तु अन्नी से नेता प्रतिपक्ष सुश्री रूहानिका वर्मा जवाब से संतुष्ट नहीं होने के कारण अध्यक्ष से बिना आज्ञा लिए सदन में खड़े होकर बोलने लगी, और उनके साथी विधायकों ने उनका समर्थन करते हुए धरना प्रदर्शन करने लगे. इसकी वजह से “बाल सत्र” के स्पीकर लविश नेगी ने पूरे विपक्ष को चेतावनी दे दी. इसी के साथ बाल मुख्यमंत्री और सुंदरनगर से विधायिका जान्हवी ने भी मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए सरकार द्वारा सख्त कदम उठाने का आश्वासन विपक्ष को दिया.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, हिमाचल प्रदेश के इस ऐतिहासिक “बाल सत्र” का आयोजन डिजिटल बाल मेला और प्रयोजन एल.आई.सी द्वारा किया गया था. इस सत्र की अध्यक्षता एच.पी स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कि, जिसमें देश भर के 68 बाल प्रत्याशियों ने अपनी बात रखी. इस ऐतिहासिक सत्र में मौजूद विशिष्ट अतिथि राज्यसभा उपसभापति श्री हरिवंश ने सत्र को संबोधित करते हुए लोकसभा और विधानसभा के सदस्यों से बाल विधायकों से सीख लेने की बात कहीं और आग्रह किया की जिस प्रकार बाल प्रत्याशियों ने शान्ति पूर्वक सदन का संचालन किया, इससे बड़ो को भी प्रेरणा लेनी चाहिए.

डिजिटल बाल मेला की प्रिया शर्मा ने बताया कि इन बल विधायकों का चयन 1,108 बच्चों में से किया गया, जिन्होंने 25 मई तक बच्चों की सरकार कैसी हो? अभियान के लिए रजिस्टर किया था. 4 माह के सार्थक प्रयासों के बाद, इस अभियान के तहत “बाल श्रम निषेध दिवस” के अवसर पर इस “बाल सत्र” का आयोजन किया गया.