दिल्ली में ऑनलाइन फ्रॉड का मामला: एक महिला के साथ हुए धोखाधड़ी का खुलासा
पिछले साल 14 सितंबर को दिल्ली के द्वारका इलाके में एक महिला प्रेमलता को एक अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि उसके पति धर्मवीर की सैलरी के 25,000 रुपए उसके पास हैं, जिन्हें वह धर्मवीर के खाते में ट्रांसफर नहीं कर सकता। इसलिए उसने प्रेमलता का नंबर लेकर ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए संपर्क किया है।
धोखाधड़ी का खुलासा
दिल्ली पुलिस के द्वारका जिला उपायुक्त अंकित सिंह के अनुसार, फोन कॉल के बाद प्रेमलता के फोन पर दो मैसेज आए—पहला मैसेज 20,000 रुपए क्रेडिट होने का था और दूसरा 50,000 रुपए क्रेडिट होने का। इसके बाद, वही शख्स फिर से कॉल करता है और बताता है कि उसने गलती से 5,000 की जगह 50,000 रुपए ट्रांसफर कर दिए हैं, इसलिए वह 45,000 रुपए वापस कर दे। प्रेमलता ने विश्वास करके 45,000 रुपए वापस कर दिए। लेकिन जब उसने अपने खाते की जांच की, तो पता चला कि खाते में एक भी रुपए क्रेडिट नहीं हुए थे, बल्कि 45,000 रुपए डेबिट हो गए थे।
पुलिस की जांच और खुलासा
प्रेमलता ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और पाया कि बैंक द्वारा भेजे गए सभी मैसेज फर्जी थे। जांच में पता चला कि जिस खाते में रुपए ट्रांसफर किए गए थे, वह भारती मीणा के नाम पर था। भारती मीणा को सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया। भारती ने बताया कि कुछ समय पहले एक युवक धन सिंह ने उसके पास आकर उसकी भैंस पर लोन दिलाने की बात कहकर उसका बैंक खाता खोला था। कुछ दिनों बाद धन सिंह ने बैंकिंग किट वापस ले ली और खाता बंद करने की बात कहकर चला गया।
साइबर फ्रॉड के मामलों का खुलासा
धन सिंह की पूछताछ में पता चला कि वह एग्सिस बैंक (Axis Bank) का कर्मचारी था और उसने बैंकिंग पॉलिसी के अनुसार ही खाता खोला था। हालांकि, बैंक से जानकारी मिलने पर यह खुलासा हुआ कि धन सिंह को फर्जीवाड़े के चलते नौकरी से निकाल दिया गया था। पुलिस ने धन सिंह द्वारा खोले गए 16 फर्जी बैंक खातों का पता लगाया, जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन फ्रॉड के जरिए पैसा ट्रांसफर करने के लिए किया जा रहा था। इस खुलासे के बाद, पुलिस ने धन सिंह को गिरफ्तार कर लिया और उसकी पूछताछ के आधार पर द्वारका पुलिस ने ऑनलाइन फ्रॉड के करीब 153 मामलों का खुलासा किया है।