महाराष्ट्र ने गौ-पालन पर सब्सिडी में गुजरात और मध्य प्रदेश को पीछे छोड़ा
महाराष्ट्र में गौशालाओं के लिए नई सब्सिडी योजना
महाराष्ट्र सरकार ने गौशालाओं में देसी गायों के लिए नई सब्सिडी योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत रजिस्टर्ड गौशालाओं को प्रति देसी गाय के लिए हर दिन 50 रुपए की सब्सिडी मिलेगी। यह सब्सिडी भाजपा शासित अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक है, जहां गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में प्रति गाय 20 से 40 रुपए की सब्सिडी दी जाती है।
आर्थिक प्रभाव
इस नई योजना से महाराष्ट्र सरकार पर हर साल लगभग 230 करोड़ रुपए का आर्थिक बोझ बढ़ने की संभावना है। पहले से ही गौशालाओं को आर्थिक सहायता के लिए दो योजनाएं चल रही हैं, लेकिन वित्त विभाग ने किसी नई सब्सिडी के लिए मना किया था। इसके बावजूद, सरकार ने अपनी मंशा को स्पष्ट करते हुए इस निर्णय को लागू किया।
प्रस्ताव और निर्णय
पशुपालन विभाग ने रजिस्टर्ड गौशालाओं के लिए पहले 30 रुपए प्रतिदिन का प्रस्ताव महाराष्ट्र कैबिनेट के पास भेजा था। इसका उद्देश्य प्रदेश में कम हो रही देसी गायों के संरक्षण को बढ़ावा देना था। लेकिन कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को बढ़ाकर 50 रुपए प्रति गाय का फैसला लिया, जो पहले प्रस्ताव से 66 फीसदी ज्यादा है। इससे सालाना व्यय 135 करोड़ से बढ़कर 233 करोड़ हो गया है।
वर्तमान स्थिति
महाराष्ट्र में कुल 824 पंजीकृत गौशालाएँ हैं, जिनमें अनुमानित 1,23,389 गायें हैं। पशुपालन विभाग ने बताया कि 2012 में देसी गायों की संख्या 50.5 लाख थी, जो 2019 में घटकर 46 लाख रह गई। इस तरह की योजनाओं के जरिए गायों के रख-रखाव में आने वाले 80 रुपए के खर्च को ध्यान में रखते हुए उनकी आर्थिक मदद करने की आवश्यकता महसूस की गई।
हालांकि, वित्त विभाग और योजना विभाग ने योजनाओं के दोहराव और नॉन-मेरिट सब्सिडी पर रोक लगाने की सलाह दी थी। इसके बावजूद, पशुपालन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल के सुझाव पर यह सब्सिडी लागू की गई है।