हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के बल्ह और नाचन विधानसभा क्षेत्रों के बसेहडू राजपूत मूलतः क्षत्रिय।

पिछले अनेक वर्षों से राजपूती आन बान शान की लड़ाई लड़ रहे जिला मंडी के बल्ह और नाचन विधानसभा क्षेत्रों के बसेहडू राजपूत मूलतः क्षत्रिय वर्ण से हैं और एक लंबे अरसे से अपने आत्मसम्मान हेतु संघर्षरत हैं । गौरतलब है कि जिला मंडी के ही जोगिंद्रनगर में यह जाति पहले ही न्यायालय द्वारा राजपूत घोषित की जा चुकी है और बल्ह और नाचन के बसेहड़ू राजपूतों का उनके साथ रोटी – बेटी का संबध है । एक ही जिला में यह समुदाय राजपूत भी है और अनुसूचित भी । बिलासपुर, ऊना जिला के बंगाणा और हमीरपुर जिला के बड़सर में भी यह जाति राजपूत यानी सामान्य समुदाय में आती है। फिर क्या कारण है कि बल्ह और नाचन में इस क्षत्रिय समुदाय को आरक्षित बना दिया गया ? यह समुदाय लंबे समय से आरक्षण की राजनीति का शिकार हो रहा है । ये षड्यंत्र अतीत में कुछ लोगों द्वारा रचा गया जोकि अपने निजी राजनैतिक हितों की पूर्ति करना चाहते थे । आज हर ओर जहां आरक्षण प्राप्ति के लिए आंदोलन किए जाते हैं वहीं यह बसेहडू राजपूत समुदाय आरक्षण का त्याग करना चाहता है।

आदरणीय श्री सुखदेव ठाकुर जी के बयान के अनुसार

सुन्दरनगर के लोगों की बात सत्य है । इसमें सरकार को बन्दोबस्त का नया पुराना रिकार्ड देखकर दुरुस्ती कर देनी चाहिए और सुन्दरनगर और मण्डी के लोगों को क्षत्रिय घोषित कर देना चाहिए । ताकी काफ़ी लम्बे समय से लोगों की मांग को पूरा किया जा सके ।सुखदेव तहसीलदार गांव खुलवी डाकघर भाखडा व अध्यक्ष राजपूत कल्याण सभा कोटकहलूर ।