चम्बा में हुई स्क्रब टायफस से मां-बेटे की मौत, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, यह पढ़ें जानकारी।

चम्बा में हुई स्क्रब टायफस से मां-बेटे की मौत, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, यह पढ़ें जानकारी।

चंबा जिले के किहार क्षेत्र के भांदल गांव में स्क्रब टायफस से मां-बेटे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एहतियाती कदम उठाए हैं। विभाग ने पूरे क्षेत्र में रैपिड रिस्पांस टीमें तैनात की हैं, जो गांव-गांव जाकर स्क्रीनिंग कर रही हैं। साथ ही, गांव में कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है और संभावित मरीजों को दवाइयां भी वितरित की जा रही हैं। बीएमओ किहार को निर्देश दिए गए हैं कि वे गांव स्तर पर जागरूकता अभियान चलाएं। बीते गुरुवार को एक टीम इस इलाके में भेजी गई, जिसमें चिकित्सा विशेषज्ञ, फार्मेसी और लैब के अधिकारी शामिल हैं। ये टीम सैंपल एकत्रित करने के साथ-साथ दवाइयों का वितरण भी कर रही है।

स्क्रब टायफस: संक्रमण और सावधानियां

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेएस भारद्वाज ने बताया कि स्क्रब टायफस के बारे में जानकारी होना महत्वपूर्ण है। यह बीमारी आमतौर पर बरसात के मौसम में फैलती है और तेज बुखार के रूप में प्रकट होती है। स्क्रब टायफस एक विशेष प्रकार के जीवाणु (रिकेट्सिया) से संक्रमित पिस्सू (माइट) के काटने से फैलता है, जो खेतों, झाड़ियों, और घास में रहने वाले चूहों में पनपता है। इस जीवाणु के शरीर में प्रवेश करने से स्क्रब टायफस बुखार हो जाता है।

लगभग पांच दिन पहले भांदल गांव में मां-बेटे की स्क्रब टायफस से मौत हो गई थी, जिसके बाद उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पूरे क्षेत्र में स्क्रीनिंग और जागरूकता बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं।

स्क्रब टायफस के लक्षण

इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार शामिल है, जो 104 से 105 डिग्री तक पहुंच सकता है। इस बुखार को जोड़-तोड़ बुखार भी कहा जाता है। इसके अलावा, जोड़ों में दर्द, कंपकंपी, शरीर में ऐंठन और अकड़न भी इसके लक्षण हो सकते हैं। गंभीर मामलों में गर्दन, बाजुओं के नीचे, और कूल्हों के ऊपर गिल्टियां होना भी स्क्रब टायफस का संकेत हो सकता है।

रोकथाम के उपाय

स्क्रब टायफस की रोकथाम के लिए कुछ सरल उपाय किए जा सकते हैं। लोगों को शरीर की सफाई का ध्यान रखना चाहिए और घर तथा उसके आसपास के क्षेत्रों को साफ-सुथरा रखना चाहिए। घर के चारों ओर घास और खरपतवार न उगने दें और कीटनाशक का छिड़काव करें। यदि बुखार या अन्य लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। खेतों और झाड़ियों में काम करते समय शरीर को पूरी तरह से ढककर रखें, विशेष रूप से टांगों, पांव और बाजुओं को। साथ ही, घर के आसपास कीटनाशक का छिड़काव सुनिश्चित करें।

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