दियोटसिद्ध में न तो स्थाई मंदिर अधिकारी न हुआ न्यास कमेटी का गठन

सालाना 30 करोड़ की आमदनी वाले सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध  में व्यवस्थाओं को देखने के लिए स्थाई मंदिर अधिकारी ही नियुक्त नहीं है। अगस्त 2020 के बाद सरकार और प्रशासन दियोटसिद्ध  में मंदिर अधिकारी नियुक्त नहीं कर पाई है। पिछले चार सालों से मंदिर की व्यवस्थाओं को चलाने के लिए प्रशासन अस्थाई तौर पर मंदिर अधिकारी की नियुक्ति कर काम चला रहा है। दियोटसिद्ध में चल रही मंदिर अधिकारी के आया राम गया राम की स्थिति के चलते एक तरफ जहां मंदिर के विकास को ग्रहण लग गया है वहीं दूसरी तरफ देश विदेश से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को मिलने वाली सुविधाएं भी प्रभावित हुई है। सरकार की व्यवस्था की अव्यवस्था यह रही है कि पिछले चार सालों में न तो मंदिर के लिए कोई स्थाई अधिकारी नियुक्त कर पाई है और न ही मंदिर न्यास को चलाने के लिए पिछले पांच माह से न्यास कमेटी का गठन कर पाई है। आलम यह है कि श्रद्धालु तो बाबा बाल योगी के सहारे हर साल दियोटसिद्ध में दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं लेकिन दियोटसिद्ध में पहुंचने के बाद उन्हें मिलने वाली सुविधाएं राम भरोसे ही चल रही हैं। मंदिर में श्रद्धालुओं को हो रही असुविधाओं से हताश निराश गद्दी नशीन मंहत श्री श्री श्री 1008 राजेंद्र गिरी जी महाराज ने भी अव्यवस्थाओं पर चिंता जताई है। महंत श्री ने कहा है कि बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध देश के प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों में शुमार हैं। बाबा जी से श्रद्धालुओं की आस्था अत्यधिक होने के चलते लाखों की तादाद में वे यहां पहुंचते हैं लेकिन करोड़ों के चढ़ावे के बावजूद दियोटसिद्ध में श्रद्धालु सुविधाओं के नाम पर खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने मंदिर व श्रद्धालुओं के हित को ध्यान में रखते हुए स्थाई मंदिर अधिकारी की नियुक्ति व न्यास मंदिर कमेटी के गठन की मांग की है। महंत श्री ने कहा है कि बदलते युग में अब समय आ गया है कि सरकार धार्मिक स्थलों पर आईएस व एचएएस अधिकारियों की नियुक्ति कर धार्मिक स्थलों की व्यवस्थाओं को बेहतर व सुदृढ़ बनाने की ओर कदम उठाए।
दियोटसिद्ध मंदिर में स्थाई मंदिर अधिकारी की नियुक्ति व न्यास कमेटी के गठन का अधिकार क्षेत्र सरकार का है। इसके बारे मे सरकार को अवगत करवाया जाएगा, इस पर सरकार ही फैसला लेगी।