पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए नवविवाहित लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, छह दिन पहले रचाई थी शादी
करनाल/श्रीनगर, 23 अप्रैल 2025
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 वर्षीय भारतीय नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की दर्दनाक शहादत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। विनय महज छह दिन पहले शादी के बंधन में बंधे थे, और अपनी पत्नी के साथ हनीमून मनाने कश्मीर पहुंचे थे।
हनीमून की जगह बन गई शहादत की ज़मीन
हरियाणा के करनाल जिले के भुसली गांव निवासी विनय नरवाल ने 16 अप्रैल को विवाह किया था और 19 अप्रैल को रिसेप्शन रखा गया था। 21 अप्रैल को वे अपनी पत्नी हिमांशी के साथ पहलगाम की वादियों में घूमने पहुंचे थे। लेकिन किसे पता था कि यह यात्रा एक अंतिम विदाई में बदल जाएगी।
‘स्विट्जरलैंड’ का सपना अधूरा रह गया
विनय के दादा हवा सिंह नरवाल ने बताया कि उनका सपना स्विट्जरलैंड घूमने का था, लेकिन वीज़ा न मिलने के कारण वे कश्मीर गए थे। “अगर वीज़ा मिल जाता तो आज मेरा पोता ज़िंदा होता,” उन्होंने भावुक स्वर में कहा।
मां-बाप का इकलौता सहारा
विनय अपने परिवार के इकलौते बेटे थे। उनकी एक छोटी बहन है जो UPSC की तैयारी कर रही है। उनके पिता एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं और मां गृहिणी हैं। पूरे करनाल में मातम पसरा हुआ है। घर के बाहर लोगों की भीड़ लगी है जो इस राष्ट्रीय वीर की अंतिम झलक पाने को आतुर है।
बीटेक के बाद चुनी देश सेवा की राह
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद भारतीय नौसेना को चुना था। उनकी पोस्टिंग कोच्चि में थी। अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पण और अनुशासन के लिए वे अपने बैच में बेहद लोकप्रिय थे।
भारतीय नौसेना का भावुक श्रद्धांजलि संदेश
भारतीय नौसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया:
“लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की वीरगति से पूरा नेवी परिवार शोक में है। चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी समेत हम सभी उनकी शहादत को सलाम करते हैं।”
शहीद की पत्नी हिमांशी की स्थिति नाजुक
गुरुग्राम की रहने वाली हिमांशी फिलहाल सदमे में हैं। वे पीएचडी स्कॉलर हैं और उनके पिता एक सरकारी अधिकारी हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर में वह पति के शव के पास चुपचाप बैठी दिखाई दीं, जिसने लाखों दिलों को तोड़ दिया।
प्रधानमंत्री ने की हमले की निंदा, कार्रवाई के संकेत
हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर भारत वापसी की। उन्होंने इस हमले को “कायरतापूर्ण आतंकवादी हमला” बताते हुए कहा, “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।”