जिला स्तरीय लोकगीत प्रतियोगिता का आयोजन।

हमीरपुर 8 सितम्बर- जिला भाषा अधिकारी निक्कू राम ने बताया कि भाषा एवं संस्कृति विभाग प्रदेश की समृद्ध लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवद्र्धन तथा लोक संगीत को बढ़ावा देने के लिए सतत प्रयासरत है । हिमाचल प्रदेश का लोकसंगीत मेलों, पर्वों, तीज-त्योहारों तथा नृत्यगीतों के माध्यम से विभिन्न लोकवाद्यों के साहचर्य से पनपता रहता है। इसके लय, भाव, नाद आदि के स्वरूप निजी हैं जो अपनी सरसता, मिठास, स्वर-साहित्य, नाद-सौन्दर्य एवं गंभीरता से आद्वितीय हैं तथा इसमें एक सरस प्रवाह है। उन्होंने बताया कि हिमाचल सरकार द्वारा हिमाचली लोक गीत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लता मंगेशकर स्मृति राज्य सम्मान योजना लागू की गई है। इसी योजना के अंतर्गत जिला के लोक संगीत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला हमीरपुर द्वारा जिला स्तरीय लोकगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें जिला हमीरपुर से सम्बन्ध रखने वाले लगभग अस्सी लोक कलाकारों ने भाग लिया।
उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता कनिष्ठ एवं वरिष्ठ दो वर्गों में आयोजित की गई। 16 वर्ष तक की आयु के कलाकार कनिष्ठ वर्ग में तथा 16 वर्ष से अधिक आयु के कलाकार वरिष्ठ वर्ग में रखा गया था। इसके अतिरिक्त प्रतियोगिता दो श्रेणियों में आयोजित की गई – पहली श्रेणी में विशुद्ध लोकसंगीत है जबकि दूसरी श्रेणी में समकालीन व आधुनिकता लिए हुए विलयात्मक लोकसंगीत। प्रतियोगिता में जिला लोक सम्पर्क अधिकारी हमीरपुर, जिला भाषा अधिकारी हमीरपुर, संगीत शिक्षक डा. दिलवर कटवाल एवं प्रसिद्ध पहाड़ी लोक गायक संजीव दीक्षित ने निर्णायक की भूमिका निभाई।
उन्होंने बताया कि विशुद्ध लोकगीत वरिष्ठ वर्ग में शैलजा कमल एवं शिवदयाल विजेता रहे वहीं कनिष्ठ वर्ग में शिवांगी एवं आदित्य विजेता रहे। विलयात्मक लोकगीत वरिष्ठ वर्ग में राज कुमारी उफऱ् बाबी एवं कुलदीप कुमार विजेता रहे। वहीं कनिष्ठ वर्ग में मेघा कांगों एवं ऋत्विक गिल विजेता प्रतिभागी रहे। प्रत्येक प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागी को प्रमाण – पत्र एवं पुरस्कार राशि प्रदान की गई। उन्होंने बताया विजेता प्रतिभागियों को राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु भेजा जाएगा। राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को रूपये 31 हजार की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी ।