भारत के सख्त कदमों से तिलमिलाया पाकिस्तान, एयरस्पेस किया बंद, शिमला समझौता निलंबित
नई दिल्ली / इस्लामाबाद, 24 अप्रैल 2025 — जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा लिए गए सख्त निर्णयों से पाकिस्तान में खलबली मच गई है। भारत ने जहां सिंधु जल संधि को निलंबित करने और राजनयिक संबंधों में कटौती जैसे ऐक्शन लिए, वहीं पाकिस्तान ने भी जवाबी प्रतिक्रिया में बड़ा कदम उठाते हुए एयरस्पेस बंद करने और शिमला समझौते को सस्पेंड करने का ऐलान कर दिया है।
पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की आपात बैठक के बाद एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पाकिस्तान भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित रखने का अधिकार सुरक्षित रखता है, जिसमें ऐतिहासिक शिमला समझौता (1972) भी शामिल है।
एयरस्पेस और बॉर्डर सील
पाकिस्तान ने भारत के लिए अपना हवाई क्षेत्र तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। इसके साथ ही वाघा बॉर्डर को भी सील कर दिया गया है, जबकि भारत पहले ही अटारी बॉर्डर बंद कर चुका है। पाकिस्तान ने SAARC वीजा छूट योजना के तहत जारी सभी भारतीय वीजा भी रद्द कर दिए हैं, केवल सिख तीर्थयात्रियों को अपवाद के तौर पर बाहर रखा गया है।
सिंधु जल संधि पर चेतावनी
पाकिस्तान ने भारत को चेताते हुए कहा है कि सिंधु नदी प्रणाली का पानी मोड़ने या रोकने की कोई भी कोशिश युद्ध की कार्यवाही मानी जाएगी। पाकिस्तान का दावा है कि यह 24 करोड़ नागरिकों की जीवन रेखा है, और इसके प्रवाह में बाधा डालना गंभीर परिणाम ला सकता है।
पाकिस्तानी राजनयिक की धमकी
भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि अगर भारत ने सिंधु जल पर एकतरफा निर्णय लिया तो “अगर पानी नहीं बहा, तो खून बहेगा”। साथ ही उन्होंने भारत को चीन के माध्यम से भी घेरने की धमकी दी, यह कहते हुए कि भारत की कई नदियाँ चीन से निकलती हैं और चीन भारत का पानी रोक सकता है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ऐसा कदम नहीं उठाएगा, खासकर भारत-चीन के हालिया सुधारात्मक रिश्तों को देखते हुए।
भारत के पास तैयार हैं विकल्प
भारत ने पहले ही जम्मू-कश्मीर में बगलिहार, सलाल, उड़ी, किशनगंगा, नीमू बाजगो और शाहपुर कांडी जैसे बांध बनाकर या निर्माणाधीन रखकर सिंधु नदी प्रणाली पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। इससे साफ संकेत मिलता है कि भारत अब पाकिस्तान पर पानी के माध्यम से रणनीतिक दबाव बनाने को तैयार है।