शिमला में नशे के खिलाफ लोगों ने ली शपथ, खेल संस्कृति को बताया समाधान

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शिमला में नशे के खिलाफ लोगों ने ली शपथ, खेल संस्कृति को बताया समाधान

शिमला: नशे के बढ़ते खतरे को रोकने और समाज को जागरूक करने के उद्देश्य से श्यामला एजुकेशनल एवं सोशल वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा ‘शिमला अगेंस्ट ड्रग्स’ संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम शिमला के गेयटी थिएटर में हुआ, जिसमें महामहिम राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) और केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला (CUHP) के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

नशे के खिलाफ संगोष्ठी में उठी जागरूकता की आवाज़

इस कार्यक्रम के दौरान शिमला के 2000 नागरिकों पर किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई, जिसे प्रो. नितिन व्यास ने राज्यपाल के समक्ष पेश किया। रिपोर्ट के अनुसार, शिमलावासियों ने खेल संस्कृति को नशे के खिलाफ लड़ाई में सबसे प्रभावी समाधान बताया। इसके अलावा, स्कूलों में छात्रों की नियमित जांच और नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देने की भी सिफारिश की गई।

सम्मान समारोह में असली नायकों को किया गया पुरस्कृत

इस अवसर पर उन व्यक्तियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

  • महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित व्यक्तित्व: श्री महेन्द्र धर्माणी, श्री ओम प्रकाश शर्मा, डॉ. अखिल शर्मा।
  • युवाओं में खेल और फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित व्यक्ति: अभिषेक नेगी, नवीन शर्मा, पवन शर्मा, पंकज शर्मा, तरुण ठाकुर और विशाल ठाकुर।

संकल्प समारोह और डॉक्यूमेंट्री विमोचन

कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने नशे से दूर रहने और समाज को इस बुराई से बचाने की शपथ ली। इसके बाद, नशे की समस्या पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री का विमोचन किया गया, जिसमें इसकी भयावहता को दर्शाया गया।

डॉक्यूमेंट्री के विमोचन के बाद, श्री विशाल, श्री तरुण, श्री पवन और डॉ. अखिल ने अपने विचार रखे। इसके अलावा, विशेष अतिथि मेजर डॉ. रितु कालरा ने नशे के खिलाफ लड़ाई के लिए आवश्यक कदमों पर प्रकाश डाला।

शिक्षा और समाज की भूमिका पर जोर

विशिष्ट अतिथि प्रो. एस.पी. बंसल ने शिक्षा के माध्यम से नशे की रोकथाम पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सही मार्गदर्शन और नैतिक शिक्षा से इस समस्या का प्रभावी समाधान निकाला जा सकता है।

कार्यक्रम का समापन

कार्यक्रम का समापन महासचिव सुश्री ईशा शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। अंत में, राष्ट्रगान के साथ इस जागरूकता अभियान को समाप्त किया गया। इस आयोजन में शिमला शहर से कई गणमान्य नागरिक, महिलाएं, बुजुर्ग और युवा शामिल हुए।

इस संगोष्ठी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि नशे के खिलाफ लड़ाई में समाज की जागरूकता और सहभागिता बेहद महत्वपूर्ण है।