हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में सुहाना सफऱ कीरतपुर नेरचौक, मनाली फोरलेन।

बिलासपुर घुमारवीं _26 मई,  देव भूमि हिमाचल के पहाड़ों में सुहाना सफऱ कीरतपुर-नेरचौक-मनाली फोरलेन पर दरकते पहाड़, ऊफनती ब्यास और कल्पना से परे काम
एक तरफ खड़े पहाड़ थे तो दूसरी तरफ उफनती ब्यास नदी, साथ में चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर दनदनाते वाहनों की रफ्तार. इन चुनौतियों से भी जूझना था और नई सड़क भी बनाकर देनी थी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में पंडोह बायपास टकोली प्रोजेक्ट को पूरा करने का जिम्मा उठाया शापुरजी पालोनीजी कंपनी ने और निर्माण कार्य के लिए मैदान में डटी एफकॉन्स इंफ्रा प्राईवेट लिमिटेड. पंडोह से टकोली तक 10 टनलों के निर्माण का कार्य वर्ष 2018 में शुरू हुआ. सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य को सबसे पहले पूरा करने की ठानी गई।
जनवरी 2023 तक चुनौतीपूर्ण कार्य को पूरा करते हुए पांच टनलों का निर्माण भी पूरा हुआ और एक भव्य फ्लाईओवर भी बनाकर तैयार कर लिया गया। अब इसपर यातायात को पूरी तरह से सुचारू कर दिया गया है ।
 हालांकि, अधिकारिक उद्घाटन बाद में होगा, लेकिन अब लोग मनाली की तरफ जाएंगे या वापिस आएंगे तो हणोगी से झलोगी के बीच का सफर इन्हीं पांच टनलों और भव्य फ्लाईओवर से होकर गुजरेगा।
मार्च 2024 तक पूरा हो सकता है यह प्रोजेक्ट
कीतरपुर-मनाली फोरलेन का सबसे मुश्किल कार्य है पंडोह से टकोली तक फोरलेन का निर्माण करना. यहां पर फोरलेन को टनलों के माध्यम से गुजारा जा रहा है और इसके लिए 10 टनलों का निर्माण किया जा रहा है।
5 टनलों को तो यातायात के लिए खोल दिया गया है लेकिन बाकी 5 टनलों का कार्य प्रगति पर है और इस कार्य को मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
अब कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा दवाड़ा
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे अगर सबसे ज्यादा कहीं रोड बंद होता था तो वो था दवाड़ा. यह एक ऐसा स्लाइडिंग जोन बन चुका था, जहां पर आए दिन पहाड़ी से मलबा या पत्थर आकर गिरते ही थे।
आज दिन तक न जाने कितने लोग यहां हादसे का शिकार हुए और अपने प्राणों को गंवा दिया. दवाड़ा के पास भूस्ख्लन के वीडियो आज भी सोशल मीडिया पर मौजूद हैं, जिन्हें देखते ही रूह कांप जाती है. दूसरी तरफ उफनती ब्यास नदी कहर बरपाती थी। दवाड़ा के पास हाईवे की सड़क ब्यास नदी के बिल्कुल साथ है और नदी पर पानी का स्तर बढ़ते ही सारा पानी हाईवे पर आ जाता था और हाईवे बंद हो जाता था, लेकिन अब यह सब नहीं होने वाला।
लेकिन अब नहीं हो पाएंगे हणोगी माता के दर्शन
इन टनलों के बन जाने से एक बड़ा फर्क यह भी पड़ा है कि लोग अब हणोगी माता के दर्शन नहीं कर पाएंगे. शायद ही कोई वाहन ऐसा होता होगा जो यहां गुजरते वक्त हणोगी माता मंदिर के पास न रुका हो और नीचे उतरकर माता का आशीवार्द न लिया हो. लेकिन अब लोगों को हणोगी माता के दर्शनों के लिए फोरलेन से हटकर एक किमी का सफर तय करके मंदिर तक जाना पड़ेगा. हणोगी पुल के पास से ही सारा ट्रेफिक डायवर्ट कर दिया गया है. गौरतलब  है कि कीरतपुर नेरचौक मनाली फोरलेन की वजह से अब मनाली का सफर 5-6 घंटे में पूरा हो जाएगा। पहले यह दूरी 237 किमी थी, अब पर 40 किमी के करीब कम हो गई है।