शहरी विकास को लेकर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने केंद्रीय मंत्री से की महत्वपूर्ण मुलाकात

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शहरी विकास को लेकर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने केंद्रीय मंत्री से की महत्वपूर्ण मुलाकात

नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने हाल ही में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर राज्य के शहरी विकास से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।

इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने अर्बन चैलेंज फंड के मानकों में छूट देने और पहाड़ी राज्यों के लिए इसे और अनुकूल बनाने की मांग रखी। उन्होंने आग्रह किया कि हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य के लिए 90:10 के अनुपात में अनुदान का प्रावधान किया जाए, जिससे राज्य को अधिक वित्तीय सहायता मिल सके।

हिमाचल के लिए विशेष वित्तीय सहायता की मांग

मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और कम जनसंख्या घनत्व के कारण राज्य के शहर अर्बन चैलेंज फंड के निर्धारित मानदंडों को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं। इसलिए, उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री से पुनर्विचार करने का अनुरोध किया।

इसके अलावा, उन्होंने राज्य में राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन के तहत शुरू किए गए सिटिजन सर्विस पोर्टल के सुचारू संचालन के लिए 70 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मांगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस परियोजना को लागू करने के लिए अपने संसाधनों से धन आवंटित किया था, जो मार्च 2025 तक समाप्त हो जाएगा। इसे सुचारू रूप से जारी रखने के लिए भारत सरकार से अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता होगी।

शहरी बुनियादी ढांचे और पार्किंग सुविधाओं पर जोर

इसके अलावा, मंत्री ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत 3.28 करोड़ रुपये की धनराशि जारी करने का अनुरोध किया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में शहरी बुनियादी ढांचे और पार्किंग निर्माण के लिए भी विशेष वित्तीय सहायता देने की मांग रखी, ताकि राज्य के शहरों में यातायात की समस्या का समाधान किया जा सके।

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने हिमाचल प्रदेश की आवश्यकताओं को गंभीरता से सुनते हुए हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। इस मुलाकात से राज्य को शहरी विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में नई आर्थिक सहायता मिलने की संभावना बढ़ गई है

यह बैठक हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास और डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। यदि केंद्र सरकार से अपेक्षित सहायता मिलती है, तो इससे न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार होगा बल्कि राज्य के नागरिकों को भी बेहतर शहरी सुविधाएं मिल सकेंगी।