इस आंदोलन का नेतृत्व ब्लॉक अध्यक्ष अजैब सिंह लक्खेवाल और राज्य सचिव जगतार सिंह कालाझाड़ ने किया। किसानों ने आज शाम को धरना समाप्त करते हुए राज्य सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान किसान नेताओं ने बताया कि यह विरोध, राज्य सरकार द्वारा मंडियों में धान की खरीद के लिए उचित व्यवस्था नहीं किए जाने और किसानों के अन्य मुद्दों को लेकर था।
किसान नेताओं ने आगे कहा कि टोल प्लाजा पर विरोध समाप्त किया गया है, लेकिन यह संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। आगामी समय में उन मंडियों में प्रदर्शन किया जाएगा जहां धान की बिक्री नहीं हो रही है और किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। किसान नेताओं ने यह भी घोषणा की कि बरनाला जिले जैसे उप-चुनाव क्षेत्रों में अब गांवों में अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि अगर वे अपनी आवाज़ नहीं उठाते, तो उनके बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे राजनीतिक दल केवल अपने निजी लाभ के लिए काम कर रहे हैं, और कॉर्पोरेट घरानों को सरकारी संस्थानों को बेचने, बड़े मॉल बनाने और छोटे बाजारों को समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि केंद्र सरकार की जनविरोधी योजनाओं का विरोध किया जाएगा और यह संदेश गांवों में फैलाया जाएगा।
इस मौके पर ब्लॉक नेताओं जैसे अमनदीप सिंह महिला, जसवीर सिंह गग्गड़पुर, बलविंदर सिंह घनौर, कश्मीर सिंह आलोर्क, हरप्रीत सिंह बलद कलां, जसविंदर कोर महिला, कुलदीप कोर घबदां, कर्नल कोर बलियाल और जसपाल कोर आलोर्क सहित बड़ी संख्या में किसान और महिलाएं मौजूद थीं।
किसान यूनियन ने यह स्पष्ट किया कि संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है और आगामी दिनों में सरकार के खिलाफ और किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
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