क़तर के अमीर की भारत यात्रा पर, द्विपक्षीय संबंधों में नया अध्याय
क़तर के अमीर शेख़ तमीम बिन हमाद अल-थानी की दो दिवसीय भारत यात्रा ने भारत-क़तर संबंधों को नई दिशा दी है। 17 और 18 फरवरी को हुई इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग पर चर्चा हुई। दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात ने राजनीतिक और आर्थिक साझेदारी को और मजबूत किया।
व्यापारिक सहयोग की नई संभावनाएं
18 फरवरी को भारत-क़तर संयुक्त व्यापार फोरम का उद्घाटन हुआ, जिसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और क़तर के वाणिज्य और उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल-थानी शामिल हुए। पीयूष गोयल ने कहा, “भारत और क़तर के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं, और अब दोनों देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नई तकनीकों में सहयोग के लिए तैयार हैं।”
दोनों देशों के बीच ऊर्जा, पेट्रोकेमिकल्स, एलएनजी और खाद्य उत्पादों के व्यापार में निरंतर वृद्धि हो रही है। 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 14.08 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा, जिसमें क़तर से भारत का आयात 12.38 अरब डॉलर और भारत से क़तर का निर्यात 1.7 अरब डॉलर था।
ऊर्जा क्षेत्र में मज़बूत साझेदारी
भारत के लिए क़तर एलएनजी (लिक्विफ़ाइड नेचुरल गैस) का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। भारत अपनी एलएनजी की ज़रूरत का 40% से अधिक हिस्सा क़तर से आयात करता है। फरवरी 2024 में, पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड ने क़तर एनर्जी के साथ 2028 से 2048 तक हर साल 7.5 मिलियन टन एलएनजी की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे ऊर्जा सुरक्षा और व्यापारिक रिश्ते और मजबूत होंगे।
सांस्कृतिक और जनसांख्यिकीय संबंध
क़तर में भारतीय समुदाय सबसे बड़ा प्रवासी समूह है, जिसमें आठ लाख से अधिक भारतीय रहते हैं। ये लोग चिकित्सा, इंजीनियरिंग, शिक्षा, वित्त, और श्रम क्षेत्रों में कार्यरत हैं। क़तर में 20,000 से अधिक भारतीय कंपनियां भी सक्रिय हैं, जो दोनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को और गहरा बनाती हैं।
रक्षा और रणनीतिक सहयोग
भारत और क़तर के बीच रक्षा सहयोग भी महत्वपूर्ण है। भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड के जहाज़ क़तर का नियमित दौरा करते हैं, और भारतीय रक्षा कर्मियों को क़तर के रक्षा संस्थानों में प्रशिक्षण भी मिलता है। इसके अलावा, भारत दोहा इंटरनेशनल मैरिटाइम डिफेंस एक्सबिशन एंज कॉन्फ्रेंस (DIMDEX) में भी भाग लेता है।
कूटनीतिक चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि दोनों देशों के रिश्ते प्रगाढ़ हैं, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं। जून 2022 में, एक भारतीय नेता के बयान पर क़तर की तीखी प्रतिक्रिया और 2022 में आठ भारतीय नौसेना कर्मियों की गिरफ़्तारी ने कूटनीतिक संबंधों में तनाव पैदा किया था। हालाँकि, इन मुद्दों का समाधान बातचीत के माध्यम से हो गया, जिससे दोनों देशों के बीच संवाद और विश्वास को बल मिला।
भारत-क़तर संबंधों का भविष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमीर शेख़ तमीम बिन हमाद अल-थानी की इस मुलाकात से भारत और क़तर के बीच रणनीतिक और आर्थिक सहयोग को नई दिशा मिली है। दोनों देश ऊर्जा, व्यापार, तकनीकी नवाचार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में मिलकर काम करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
भारत और क़तर के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं, और यह यात्रा इस रिश्ते को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले समय में दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में और वृद्धि की उम्मीद है।