शिमला में कूड़ा निस्तारण पर उठे सवाल, नगर निगम से कड़ी कार्रवाई की मांग
शिमला। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट, हिमाचल प्रदेश की महिला प्रदेश अध्यक्ष अमिता सूद ने नगर निगम, शिमला द्वारा किए जा रहे कूड़ा निस्तारण उपायों की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने माननीय आयुक्त को एक पत्र लिखकर शहर में स्वच्छता व्यवस्था की गंभीर खामियों की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
अमिता सूद ने अपने पत्र में बताया कि नगर निगम द्वारा ‘गार्बेज आईडी’ सूची तैयार की गई है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि कौन से परिवार नियमित रूप से कूड़ा निस्तारण शुल्क अदा कर रहे हैं। बावजूद इसके, कई परिवार अब भी खुले में कचरा फेंक रहे हैं, जिससे स्वच्छता एवं स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
ढल्ली समेत कई क्षेत्रों में गंदगी का अंबार
उन्होंने विशेष रूप से ढल्ली वार्ड में स्वच्छता की स्थिति पर चिंता जताई है। पुलिस स्टेशन ढल्ली के नीचे स्थित ढांक, सेक्रेड हार्ट स्कूल के पास, ढल्ली आशियाना कॉलोनी और ढल्ली चुरट नाला जैसे इलाकों में भारी मात्रा में कूड़ा एकत्र हो गया है। यह स्थिति बीमारियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ शिमला की स्मार्ट सिटी परियोजना पर भी प्रश्नचिह्न लगा रही है।
नगर निगम से उठाए गए महत्वपूर्ण सवाल
अमिता सूद ने नगर निगम से कुछ प्रमुख सवाल पूछे हैं:
- क्या नगर निगम उन परिवारों से बकाया शुल्क वसूलेगा जो वर्षों से बिना शुल्क चुकाए कूड़ा फेंक रहे हैं?
- अव्यवस्थित रूप से फेंके गए कूड़े के निस्तारण के लिए क्या ठोस कार्यवाही की जाएगी?
- क्या यह कार्यवाही केवल दस्तावेजों तक सीमित रहेगी, या जमीनी स्तर पर भी प्रभावी कदम उठाए जाएंगे?
सख्त कार्रवाई की मांग
उन्होंने कहा कि नगर निगम केवल योजनाओं और नियमों की घोषणा तक सीमित न रहे, बल्कि जमीनी स्तर पर भी प्रभावी कदम उठाए। साथ ही, उन परिवारों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए जो खुले में कचरा फेंक रहे हैं, ताकि भविष्य में सभी नागरिक स्वच्छता नियमों का पालन करें।
नगर निगम से शीघ्र समाधान की अपेक्षा
नगर निगम, शिमला से इस समस्या पर शीघ्र और प्रभावी कार्यवाही की मांग की गई है, ताकि शहर में स्वच्छता बनाए रखी जा सके और नागरिकों को बेहतर जीवन स्तर मिल सके।