हमीरपुर, 23 अप्रैल: पूर्व विधायक और सुजानपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र राणा ने आज सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्य प्रणाली पर कड़े प्रहार किये और कहा कि उन्होंने 14 महीने में ही हिमाचल प्रदेश को बैक गियर में डालकर जनमत के साथ खिलवाड़ किया है और चुने हुए विधायकों की असंवैधानिक तरीके से सदस्यता समाप्त करके मुख्यमंत्री अब उनके बिकाऊ होने का राग अलाप रहे हैं। राजेंद्र राणा ने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान भोजन अवकाश के समय जब 6 कांग्रेस के चुने हुए विधायक भोजन करने गए थे, तब एकाएक बजट पारित करवारकर एक साजिश के तहत उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई। उन्होंने कहा इन विधायकों के हलकों में भी विकास कार्यों को लगातार ठप्प किया जा रहा था और विधायकों को जलील करना ही मुख्यमंत्री के कार्य प्रणाली का एकमात्र हिस्सा रह गया था। राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश के बाहर के एक व्यक्ति को हिमाचल से राज्यसभा में भेजने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रदेश के स्वाभिमान को भी ताक पर रख दिया लेकिन प्रदेश के 9 चुने हुए विधायकों ने प्रदेशवासियों के आत्म सम्मान पर आंच नहीं आने दी। उन्होंने कहा कि असंवैधानिक तरीके से मुख्यमंत्री विधानसभा के सदस्यता तो समाप्त करवा सकते हैं लेकिन जनता भारी बहुमत के साथ उन्हें फिर से सदन में भेजने की ठान चुकी है ताकि ऐसी ताकतों को आइना दिखाया जा सके।
राजेंद्र राणा ने कहा कि आज प्रदेश और देश में कांग्रेस की स्थिति यह हो गई है कि एक-एक करके बड़े नेता कांग्रेस छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के सह प्रभारी तेजेंद्र सिंह बिट्टू द्वारा कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा का दामन थामना यह साबित करता है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की नाव डूब रही है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री के कल सुजानपुर के दौरे के दौरान यहां की जनता यह उम्मीद लगाए बैठी थी कि सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के साथ विकास में अनदेखी करने के लिए मुख्यमंत्री सुक्खू यहां की जनता से सार्वजनिक तौर पर माफी मांग कर जाएंगे। लेकिन मुख्यमंत्री अपनी आदत के अनुसार सिर्फ आरोपो की बौछार करके चलते बने।
राजेंद्र राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह आभास हो चुका है कि 4 जून को जब चुनावी नतीजे आएंगे तो उनकी सरकार की विदायगी तय है, इसलिए परेशानी में वह अपना मानसिक संतुलन भी खोने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने जनकल्याण के एजेंडे को ताक पर रखकर हिमाचल में पार्टी में ही अपने विरोधियों के खिलाफ झूठे मुकदमे बनाने की नई राजनीति शुरू की है और इसे वह व्यवस्था परिवर्तन का नाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को 10 गारंटीयां देने के नाम पर ठग चुकी सुक्खू सरकार की ढोल की पोल अब खुल चुकी है और जनता मुख्यमंत्री पर भरोसा करने को तैयार नहीं है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सार्वजनिक रूप से यह बयान दे चुके हैं कि 97 प्रतिशत हिंदू विचारधारा को हराकर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान देकर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता को शर्मसार किया है और अपना असली चेहरा दिखाया है।