रेनो ने निसान से खरीदी पूरी हिस्सेदारी, बना एकमात्र मालिक
फ्रेंच ऑटोमोबाइल कंपनी रेनो (Renault) ने बड़ा फैसला लिया है। कंपनी ने रेनो निसान ऑटोमोटिव इंडिया प्रा.लि. (RNAIPL) में निसान (Nissan) के बचे हुए 51% शेयर खरीदने का ऐलान किया है। इस डील के बाद रेनो इस कंपनी का एकमात्र मालिक बन जाएगा। यह कदम रेनो और निसान के बीच पुनर्गठन का हिस्सा है।
रेनो और निसान के बीच नया समझौता
इस डील के तहत रेनो और निसान अपनी क्रॉस-शेयर होल्डिंग को संशोधित करेंगे। अब दोनों कंपनियों के पास अपनी हिस्सेदारी को 15% से घटाकर 10% तक करने का विकल्प होगा। रेनो अपनी 18.66% हिस्सेदारी निसान में एक फ्रेंच ट्रस्ट के जरिए बरकरार रखेगा, जबकि निसान अब Ampere (Renault की EV सब्सिडियरी) में निवेश करने की प्रतिबद्धता से मुक्त हो जाएगा।
रेनो ग्रुप के CEO Luca de Meo ने कहा कि “हम निसान की परफॉर्मेंस को तेजी से बेहतर होते देखना चाहते हैं। हमारा फोकस प्रैक्टिकैलिटी और बिजनेस ग्रोथ पर था, जिससे दोनों कंपनियों के लिए अधिक लाभकारी अवसर तैयार किए जा सकें।”
भारत में निसान की रणनीति
हालांकि, निसान (Nissan) ने RNAIPL में अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी है, लेकिन कंपनी भारत में अपना बिजनेस जारी रखेगी। चेन्नई (Chennai) प्लांट में निसान की कारों का उत्पादन जारी रहेगा, जिसमें नई निसान मैग्नाइट (Nissan Magnite) भी शामिल होगी।
निसान का कहना है कि वह भारतीय बाजार में अपने SUV लाइनअप को मजबूत करेगी और ‘One Car, One World’ स्ट्रेटजी के तहत अन्य देशों में भी निर्यात जारी रखेगी।
निसान के CEO Ivan Espinosa ने कहा, “हम भारत के लिए प्रतिबद्ध हैं और ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नए वाहन लाएंगे। भारत हमारे रिसर्च, डिजिटल और टेक्नोलॉजी सर्विस के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बना रहेगा।”
चेन्नई प्लांट में रेनो का बड़ा प्लान
रेनो अपने 2027 इंटरनेशनल गेम प्लान के तहत भारत में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करेगा। कंपनी चेन्नई प्लांट में 2026 तक CMF-B प्लेटफॉर्म पेश करने की योजना बना रही है, जिस पर चार नए मॉडल लॉन्च किए जाएंगे।
इसके अलावा, रेनो और निसान यूरोप में भी अपनी पार्टनरशिप को मजबूत कर रहे हैं। रेनो की EV ब्रांड Ampere, 2026 में निसान के लिए एक नई A-सेगमेंट Twingo डेरिवेटिव डेवलप और मैन्युफैक्चरिंग करेगी।
निष्कर्ष
रेनो और निसान के बीच यह समझौता भारतीय और वैश्विक ऑटोमोबाइल बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है। रेनो ने जहां भारत में लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट की योजना बनाई है, वहीं निसान भी भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति बनाए रखेगा। यह डील दोनों कंपनियों के लिए नए बिजनेस अवसर खोलने का काम करेगी।