एचपी शिवा परियोजना की समीक्षा बैठक: किसानों को होगा बड़ा लाभ

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एचपी शिवा परियोजना की समीक्षा बैठक: किसानों को होगा बड़ा लाभ

शिमला, 25 फरवरीहिमाचल प्रदेश के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज एचपी शिवा परियोजना की प्रगति की समीक्षा की और इस महत्वाकांक्षी योजना को तेजी से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि मानती है, और इसी उद्देश्य से 1292 करोड़ रुपये की इस परियोजना को लागू किया जा रहा है।

एचपी शिवा परियोजना से 15,000 से अधिक किसानों को लाभ

🔹 इस योजना के तहत बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन, सिरमौर और ऊना जिलों के 28 खंडों में 6000 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि को बागवानी के लिए विकसित किया जा रहा है।
🔹 परियोजना के तहत अमरूद, संतरा, लीची और पलम जैसे फलों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
🔹 किसानों को सिंचाई सुविधाएं, सोलर बाड़बंदी और बाजार उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे अपने उत्पादों को सही कीमत पर बेच सकें।

सिंचाई और सुरक्षा सुविधाओं पर विशेष जोर

📌 किसानों के खेतों तक बेहतर सिंचाई सुविधा पहुंचाने के लिए 162 उठाऊ सिंचाई योजनाएं निर्मित की जा रही हैं।
📌 बागवानों के लिए ड्रिप सिंचाई की सुविधा दी जाएगी।
📌 जंगली जानवरों से फसल की सुरक्षा के लिए सोलर बाड़बंदी का प्रावधान किया गया है।

परियोजना की गुणवत्ता और समयसीमा पर विशेष ध्यान

👉 बागवानी मंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे परियोजना कार्यों को तय समय सीमा में पूरा करें
👉 साइट निरीक्षण और फोटोग्राफी के माध्यम से प्रगति की निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
👉 परियोजना से जुड़े सभी हितधारकों को क्लस्टरों में पर्याप्त कार्यबल और मशीनरी तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।

किसानों को मिलेगी उच्च गुणवत्ता वाली पौध

🌱 किसानों को बेहतर उत्पादकता के लिए उच्च गुणवत्ता वाली पौध उपलब्ध कराई जाएगी।
🌱 परियोजना की जानकारी किसानों तक पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें।

सरकार किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध

बागवानी मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार नए प्रयास कर रही है ताकि किसानों की आय बढ़ाई जा सके और वे आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने एचपी शिवा परियोजना को कृषि और बागवानी क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला कदम बताया।

बैठक में बागवानी सचिव सी. पालरासु, जल शक्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य हितधारक उपस्थित रहे।