एचपीएनएलयू शिमला में दूसरा दीक्षांत समारोह: मुख्यमंत्री और न्यायमूर्तियों ने छात्रों को दी प्रेरणा
हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचपीएनएलयू), शिमला ने हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी में अपना दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों को शुभकामनाएं दीं और उन्हें कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
कानून शिक्षा आत्मविश्वास को करती है मजबूत
मुख्यमंत्री ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की, लेकिन राजनीति और समाज सेवा में रुचि के कारण वकालत नहीं की। उन्होंने कहा कि कानून की पढ़ाई से आत्मविश्वास बढ़ता है और यह किसी भी पेशे में सफलता की राह को आसान बनाता है।
उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा किए गए कानूनी सुधारों को रेखांकित करते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए विशेष कानून बनाया, जिससे लगभग 6000 बच्चों का भविष्य सुरक्षित हुआ। इसके अलावा, बेटियों को संपत्ति में समान अधिकार देने और विवाह की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
ड्रग माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में राज्य विधानसभा ने हिमाचल प्रदेश नशा निवारण अधिनियम और संगठित अपराध अधिनियम पारित किए हैं, जिससे नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। इसके तहत सिरमौर जिले में एक अत्याधुनिक पुनर्वास केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जिससे नशा पीड़ित युवाओं को मदद मिलेगी।
न्यायमूर्तियों के प्रेरणादायक विचार
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने छात्रों को दृढ़ निश्चय और ईमानदारी से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कानून उन लोगों के लिए है, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है।
451 छात्रों को मिली उपाधियां, टॉपर्स को स्वर्ण पदक
इस समारोह में 451 छात्रों को उपाधियां प्रदान की गईं, जिनमें बीए एलएलबी, बीबीए एलएलबी, एलएलएम और पीएचडी के छात्र शामिल थे। कई छात्रों को उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक और सम्मानित किया गया।
सम्मानित हस्तियां और विशेष अतिथि
समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश, न्यायमूर्ति आर. महादेवन, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जी.एस. संधावालिया सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
यह समारोह छात्रों के लिए न केवल उनकी शैक्षणिक यात्रा का समापन था, बल्कि उनके उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक नया कदम भी था।