आत्मनिर्भर भारत और बीएसएनएल का स्वदेशी 4जी मोबाइल प्रौद्योगिकी राष्ट्रवाद।

1990 के दशक में  उदारीकरण के दौर में सोवियत संघ के टूटने के बाद अमेरिका के दबाव में रूस से इसरो के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए  रॉकेट क्रायोजनिक इंजन की आपूर्ति को देने से अपनी असहमति के बाद जिस तरह भारतवर्ष के वैज्ञानिकों के इच्छाशक्ति के बल पर कुछ ही बर्ष के अंदर स्वदेशी प्रौद्योगिकी पर आधारित क्रायोजनिक इंजन के सफल उत्पादन व बर्ष 2020-21 में भारत बॉयोटेक के द्वारा कोरोना के लिए स्वदेशी टीका की खोज के उपरांत उसी तरह अब बीएसएनएल के द्वारा बर्षों के इंतज़ार के बाद व्यावसायिक घाटे का दंश झेलते हुए धैर्य से पूर्ण स्वदेशी 4जी प्रौद्योगिकी आधारित मोबाइल सेवा प्रारम्भ करना वास्तव में इस राष्ट्रीय रणनीतिक संस्थान का अपने देश के प्रति समर्पण,  दायित्व और राष्ट्रीयता की धुरी के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। अब तक हमारे देश की संचार नेटवर्क शत प्रतिशत विदेशी प्रौद्योगिकी पर ही  आधारित रही है।  हमारे सभी निजी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं का नेटवर्क 100% या तो सैमसंग या नोकिया व  एरिक्सन बगैरह पर निर्भर है कोई भी निजी कंपनी स्वदेशी 4जी प्रौद्योगिकी के लिए  इतने बर्षों का इंतज़ार नहीं कर सकता। जितनी प्रतीक्षा बीएसएनएल ने की है। 4जी सेवा प्रौद्योगिकी की अनुपथिति के कारण बीएसएनएल को  सरकार प्रायोजित बहुत सारे दूरसंचार कार्यक्रम भी विगत पांच बर्षों में नहीं मिल पाया।  किन्तु दूसरी ओर निजी सेवा प्रदाता आत्मनिर्भर भारत अभियान की धज्जियाँ उड़ाते हुए इन राज्य पोषित यू  एस ओ    कार्यक्रम के अंतर्गत दूरदराज क्षेत्र को डिजिटल इंडिया मुहीम में संचार सेवा प्रदान करने के लिए धड़ल्ले से शत-प्रतिशत विदेशी प्रौद्योगिकी का ही उपयोग कर रहे हैं।  यद्यपि  भारत की दूरदर्शी सरकार ने बीएसएनएल के लिए  4जी के लाइसेंस देने की घोषणा अक्टूबर 2019  में कर दी थी।  परन्तु इस राष्ट्रीय महत्व के संस्थान ने भारत सरकार भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत की पहल पर अक्षरशः पालन करते हुए भारतबर्ष की आज़ादी के अमृत महोत्वसव के 75वें वर्ष के शुभ अवसर पर आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के अंतर्गत प्रथम  पूर्ण  स्वदेशी  दूरसंचार प्रौद्योगिकी  पर आधारित 4G मोबाइल सेवा का शुभारम्भ 15 अगस्त 2022 के दिन किये  जाने के लिए इस राष्ट्रीय रणनीतिक संस्थान ने तत्पर रहने की ठानी है । जिसका परिणाम वास्तव में फलीभूत होने जा रहा रहा है।  इसका श्रेय हमारे राष्ट्र के नीति निर्माताओं , बीएसएनएल -टी सी  एस -सी डॉट – तेजस   को निर्विवाद रूप से जाता है।  दूरसंचार क्षेत्र में स्वदेशी प्रौद्योगिकी पर आधारित  यह हर्षपूर्ण समाचार न केवल भारत के लिए उत्साहवर्धक है  बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लिए विस्तारवादी चीन से दूरसंचार उपकरण व प्रौद्योगिकी पर निर्भरता से निजात पाने वाला राहतवर्धक समाचार होगा। जैसा कि सबको विदित है कि मानव की आधुनिक सभ्यता अब पूर्ण रूप से इस दूरसंचार सुविधा पर निर्भर हो चुकी है। यह भी कहा जाता है कि यह इंटरनेट आधारित डिजिटल क्रांति (4IR) मानव के द्वारा किया जाने वाली चौथी औद्योगिक क्रांति है। तभी तो संयुक्त राष्ट्र ने भी इंटरनेट सेवा को मौलिक अधिकार के रूप में परिभाषित किया है ओर तो ओर कुछ एक धर्म गुरुओं ने भी इंटरनेट को भगवान के द्वारा दिया गया उपहार भी बताया है। सारांश यह है कि आधुनिक समाज व मनुष्य की उत्तरोत्तर दैनिक निर्भरता  इंटरनेट पर होने के कारण इस सुविधा से अब महरूम नहीं रखा जा सकता। हमारे इस महान गणतंत्र के यशस्वी प्रधानमंत्री के शब्दों में कहें तो इंटरनेट सेवा देश के गावों को वाइब्रेंट बनाता है। यह न्यूनतम साधनों को अधिकतम उपयोग पर ज़ोर देता है।और यह अब मात्र आकांक्षा भर नहीं है। यह ग्रामीण भारत में छुपी हुई प्रतिभा के लिए व्यापक अवसर व रोज़गार प्रदान करता है। यह ग्राम रूपी सूक्ष्म यूनिवर्स अब डिजिटलीकरण के कारण मेटावर्स का रूप धारण करने जा रहा है।  इस तरह की मौलिक अधिकार वाली सेवा क्षेत्र  का निर्वाध सेवा एक सार्वजानिक संस्थान के राष्ट्रव्यापी सशक्त उपस्थिति में ही दिया जा पाना संभव है। इसीलिए भारत की वर्तमान दूरदर्शी सरकार ने सभी पहलुओं को भांपते हुए 23 .10 .2019  व  01 .02 .2022 को भारत के सबसे सर्वोच्च पंचायत (संसद) में  दूरसंचार सेवा में एकमात्र राष्ट्रीय रणनीतिक उपक्रम को सशक्त करने कर्तव्यशील घोषणा की।

 

दिसंबर 2021  में बीएसएनएल के साथ 11 लाख नए मोबाइल  ग्राहक जुड़े हैं।  जनवरी-फरवरी 2022 में  जुड़ने वाले ग्राहकों की संख्या भी उत्साहवर्धक है।  बीएसएनएल  की  नई सेवा भारत फाइबर (ऍफ़ टी टी एच ) में भी ग्राहकों की संख्या चंद महीनों में उत्तरोत्तर बढ़ते हुए 21 लाख तक पहुँच गई है। आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 4जी सेवा के उपरांत बीएसएनएल के प्रदर्शन व नेटवर्क में सुधार का यह वर्तमान क्रम जारी है।  अब पूर्ण स्वदेशी 4जी मोबाइल सेवा को प्रारम्भ करने के उपरांत  भारतवर्ष का हरेक नागरिक राष्ट्रीय रणनीति  के इस उपक्रम सशक्त होने के उपरांत  इस महत्वपूर्ण व मौलिक दायित्व वाली दूरसंचार सेवा का उपयोग करने पर स्वयं को निश्चित तौर पर गौरवान्वित व संतुष्ट महसूस करेगा।