Starlink, भारत में इस दिन लॉन्च होगा Starlink Setlite Network ,जिओ और एयरटेल की बड़ी मुश्किलें
अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भारत में अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा शुरू करने के लिए तैयार है। इससे देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों जियो और एयरटेल की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि अब इन कंपनियों को एक नई चुनौती का सामना करना पड़ेगा। दूरसंचार विभाग के पास स्टारलिंक को स्पेक्ट्रम आवंटन करने की सिफारिश आ चुकी है, जिसे टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने 15 दिसंबर 2024 को भेजा था। अब, स्टारलिंक को सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा शुरू करने के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करने की प्रक्रिया चल रही है।
जियो, एयरटेल और अन्य कंपनियों की बढ़ी चिंता
भारत में एयरटेल, जियो, और अमेज़न जैसी कंपनियां भी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा लाने की योजना बना रही हैं। हालांकि, जियो और एयरटेल ने इस दिशा में अपनी रेगुलेटरी प्रक्रिया पहले ही पूरी कर ली है, लेकिन ऐसा लगता है कि स्टारलिंक भारत में अपनी सैटेलाइट सर्विस लॉन्च करने वाली पहली कंपनी हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो भारतीय टेलीकॉम कंपनियों को अपने कारोबार में एक नई और बड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।
अगले महीने लॉन्च हो सकती है स्टारलिंक की सेवा
स्टारलिंक की सेवा भारत में अगले महीने यानी फरवरी 2025 में लॉन्च हो सकती है। दूरसंचार विभाग फिलहाल स्पेक्ट्रम आवंटन के तरीके पर विचार कर रहा है। जियो और एयरटेल दोनों कंपनियों का मानना है कि स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए बोली प्रक्रिया होनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह भी बताया कि इस महीने के अंत तक स्पेक्ट्रम आवंटन पर निर्णय लिया जा सकता है। इस प्रकार, भारत में लोगों को जल्द ही स्टारलिंक की सेवा मिल सकती है।
स्टारलिंक की खासियत – रिमोट क्षेत्रों में कनेक्टिविटी
स्टारलिंक वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, और अमेरिका जैसे देशों में अपनी सेवा दे रही है। इस सेवा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह सैटेलाइट के माध्यम से इंटरनेट प्रदान करती है, जिससे रिमोट और दूरदराज क्षेत्रों में भी इंटरनेट की कनेक्टिविटी उपलब्ध हो पाती है। इस नेटवर्क के लिए टावर या अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं होती है, जिससे सुदूर क्षेत्रों में इंटरनेट एक्सेस करना आसान हो जाता है। हालांकि, इस सेवा की कीमत भारतीय टेलीकॉम कंपनियों की तुलना में थोड़ी महंगी हो सकती है।
निष्कर्ष
स्टारलिंक की भारत में एंट्री से टेलीकॉम उद्योग में नई प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, और खासकर रिमोट एरिया में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या का समाधान हो सकता है। इसके बावजूद, जियो और एयरटेल जैसी कंपनियों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण दौर हो सकता है, क्योंकि उन्हें अपनी सेवाओं को और अधिक किफायती और तकनीकी दृष्टि से उन्नत बनाना होगा।