महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य कर रही राज्य सरकार: ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू,प्रदेश की 12 महिलाओं को किया सम्मानित

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि महिलाएं समाज का अभिन्न अंग हैं और प्रदेश सरकार ने महिलाओं को लाभान्वित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। मुख्यमंत्री आज शिमला में एक दैनिक समाचार पत्र के कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि महिलाएं मीडिया, खेल, विज्ञान, शिक्षा, सेना, प्रशासन, राजनीति, सामाजिक सेवा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान कर रही हैं तथा उन्होंने प्रदेश का नाम रोशन किया है। महिलाएं प्रदेश के विकास में पुरूषों के समान योगदान दे रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया सरकार तथा जनता के बीच संवाद सेतु के रूप में कार्य करता है तथा सरकार की कल्याणकारी नीतियों व योजनाओं की जानकारी लोगों को उपलब्ध करवाता है। मीडिया हमें प्रतिदिन विभिन्न क्षेत्रों के समाचारों से अवगत करवाता है जिससे हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है। मीडिया हमें वर्तमान में महत्वपूर्ण मुद्दों से सम्बंधित समाचार भी उपलब्ध करवाता है। इसके अतिरिक्त लोगों की विभिन्न समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने तथा सुझाव प्रदान करने का कार्य भी मीडिया द्वारा किया जाता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन कर पैतृक सम्पत्ति में बेटियों को बेटों के समान एक स्वतंत्र इकाई का दर्जा प्रदान किया है। बजट में पात्र विधवा महिलाओं एवं एकल नारियों को आवास निर्माण के लिए डेढ़ लाख रुपये की आर्थिक सहायता और राज्य की 20 हजार मेधावी छात्राओं को ई-स्कूटी खरीदने पर 25 हजार रुपये का उपदान का भी प्रावधान किया गया है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि स्पिति क्षेत्र की 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को जून, 2023 से 1500 रुपये प्रति माह पेंशन के रूप में दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अपने तीन दिवसीय स्पिति प्रवास के दौरान, उन्होंने वहां के निवासियों की बिजली, पानी सहित अन्य समस्याओं के बारे में जाना और इनके समाधान के लिए अधिकारियों की एक टीम जल्द ही स्पीति घाटी का दौरा करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विवेकपूर्ण वित्तीय निर्णय और मितव्ययता सहित अन्य उपायों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सुधार करने की दिशा में कार्य कर रही है। राज्य की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने में सबके सहयोग से सरकार संसाधन जुटाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने जल विद्युत परियोजनाओं पर जल उपकर लगाया है। इसके अतिरिक्त शराब की दुकानों की नीलामी की है। इन कदमों से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने व विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को शुरू करने में मदद मिलेगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को कर्ज से उबारने की दिशा में सरकार लगातार आगे बढ़ रही है, जिसके लिए उन्होंने लोगों का सहयोग मांगा। सरकार विशेष रूप से पर्यटन, जलविद्युत और हरित ऊर्जा के दोहन पर ध्यान दे रही है ताकि स्थानीय लोगों को रोज़गार के अवसर मिले और प्रदेश का राजस्व भी बढ़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक फैसले ले रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम आने वाले समय में दिखाई देंगे। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में नए तकनीकी पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं, जिससे युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराएगी। अनाथ और निराश्रित बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा देकर उन्हें कानूनी अधिकार प्रदान किया गया है। इसके साथ ही उनके रहने, खाने-पीने का खर्चा और साल में एक बार बाहर भ्रमण (एक्सपोजर विजिट) का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय योगदान के लिए 12 महिलाओं को सम्मानित किया।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।