प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र को मजबूती: 1762 जेबीटी अध्यापकों की भर्ती जल्द

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प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र को मजबूती: 1762 जेबीटी अध्यापकों की भर्ती जल्द

(02 मार्च) प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने 1295 जेबीटी (जूनियर बेसिक प्रशिक्षित) अध्यापकों की सीधी भर्ती अनुबंध आधार पर करने का निर्णय लिया है। साथ ही, 467 अतिरिक्त पदों को भी भरा जाएगा, जो पूर्व सरकार द्वारा सृजित किए गए थे लेकिन अब तक रिक्त थे। इस प्रकार, कुल 1762 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

शिक्षा की गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता

शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता दे रही है और बैचवाइज प्रक्रिया के तहत रिक्त पदों को भरा जा रहा है। इसके साथ ही, सभी शैक्षणिक संस्थानों में पर्याप्त शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित करने और आधारभूत ढांचे को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

सरकार के इन प्रयासों का प्रभाव शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक रूप से दिखाई दे रहा है और ग्रामीण क्षेत्रों में भी सरकारी स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष पहल

राज्य सरकार ने ग्रामीण इलाकों में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर और आधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। इन स्कूलों में विद्यार्थियों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त माहौल प्रदान किया जाएगा, जिससे वे आत्मविश्वास के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें।

साक्षरता दर में ऐतिहासिक वृद्धि

शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश की साक्षरता दर वर्तमान में 83% से अधिक हो चुकी है, जबकि 1971 में जब इसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था, तब यह मात्र 7% थी। यह प्रदेश में शिक्षा सुधार की दिशा में हुई महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है।

शिक्षा बजट में बड़ा निवेश

शिक्षा क्षेत्र को मजबूती देने के लिए राज्य सरकार ने अपने कुल बजट का लगभग 20% शिक्षा क्षेत्र में आवंटित किया है। यह सरकार की इस क्षेत्र में प्रतिबद्धता को दर्शाता है और इससे शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार लाने में सहायता मिलेगी

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदमों के उत्साहजनक परिणाम देखने को मिल रहे हैं और हाल ही में जारी राष्ट्रीय रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई है

राज्य सरकार का यह कदम प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।