हिम अकादमी पब्लिक स्कूल विकासनगर में एकदिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( एन .ई .पी) कार्यशाला का सफल आयोजन
हिम अकादमी पब्लिक स्कूल विकासनगर में 23 फरवरी,2025 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एन.ई.पी.) पर
सी.बी.एस.ई क्षमता निर्माण कार्यशाला (कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम ) का आयोजन किया गया। कार्यशाला में
लगभग 62 अध्यापकों ने भाग लिया और इसके साथ ही ज्ञान विद्यापीठ आलमपुर स्कूल के शिक्षक भी
इस कार्यशाला में शामिल हुए तथा उनके साथ नई शिक्षा नीति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर गहन चर्चा
की।इसके साथ ही ज्ञान विद्यापीठ आलमपुर स्कूल के शिक्षक भी इस कार्यशाला में शामिल हुए।
कार्यशाला की शुरुआत में चेयरमैन श्री आर.सी. लखनपाल और चेयरपर्सन श्रीमती चंद्रप्रभा व विद्यालय
अकादमिक प्रधानाचार्या डॉ. हिमांशु शर्मा, उप प्रधानाचार्य श्री अश्विनी कुमार ने रिसोर्स पर्सन उर्वशी
भाटिया और प्रियंका महाजन को भेंट देकर सम्मानित किया। कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन ने शिक्षकों को
समग्र शिक्षा, कौशल विकास, मूल्यपरक शिक्षा, डिजिटल साक्षरता और आधुनिक शिक्षण तकनीकों के
विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों के
समग्र विकास को बढ़ावा देना और उन्हें व्यावहारिक ज्ञान से सशक्त बनाना है।श्रीमती उर्वर्शी भाटिया जी ने
यह भी बताया कि पढ़ाई को रोचक बनाने के लिए शिक्षकों को डांट की बजाय प्रेरक और कहानी
आधारित शिक्षण तकनीकों का उपयोग करना चाहिए। जब बच्चे डर के बजाय रुचि से सीखते हैं, तो वे
अधिक आत्मविश्वास से विषयों को समझते और अपनाते हैं।कार्यशाला की विशेषता रही कि शिक्षकों को'
प्ले-ऐक्टिविटी बेस्ड लर्निंग' के माध्यम से व्यावहारिक शिक्षण का अनुभव दिया गया। इस दौरान
शिक्षकों ने न केवल नई शिक्षण विधियों को सीखा, बल्कि खुद भी इन गतिविधियों में भाग लेकर आनंद
लिया। इस तरह की गतिविधियाँ सीखने की प्रक्रिया को अधिक रोचक और प्रभावी बनाती हैं। शिक्षा का
उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना नहीं, बल्कि ज्ञान और समझ विकसित करना है।कार्यशाला के दौरान
इंटरएक्टिव सत्रों का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षकों ने नई शिक्षण पद्धतियों को अपनाने और
कक्षा में नवाचार लाने पर अपने विचार साझा किए।कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्रशासन ने शिक्षकों के
प्रयासों की सराहना की और उन्हें नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रेरित किया। यह
कार्यशाला शिक्षकों के लिए सूचनात्मक और प्रेरणादायक रही, जिससे उन्हें अपने शिक्षण कौशल को और
अधिक प्रभावी बनाने में सहायता मिलेगी।