सुख्खू सरकार ने विधानसभा में रखा संशोधन विधेयक,हदबंदी कानून में होगा बदलाव।
प्रदेश सरकार ने बुधवार को राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन भूमि हदबंदी कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया। यह विधेयक राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सदन में प्रस्तुत किया, और यह हिमाचल प्रदेश भूमि जोत सीमा अधिनियम, 1972 से संबंधित है।
विधेयक में संशोधन की आवश्यकता बताई गई है ताकि धर्मार्थ, धार्मिक और आध्यात्मिक संगठनों को भूमि हस्तांतरित करने की अनुमति मिल सके। यह संशोधन इसलिए आवश्यक बताया गया है क्योंकि ये संगठन नैतिक, आध्यात्मिक और धार्मिक शिक्षा प्रदान करते हैं और जातिवाद, शराब व नशीली दवाओं की लत के उन्मूलन के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। इसके अलावा, ये संगठन स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान करते हैं।
विधेयक के पारित होने के बाद, राधा स्वामी सत्संग ब्यास जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी को अधिक भूमि हस्तांतरित कर सकेगा, जो कि लैंड सीलिंग एक्ट के प्रावधानों से अधिक होगी। यह प्रस्तावित संशोधन राधा स्वामी सत्संग ब्यास और उनकी सहयोगी संस्था, महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी के बीच भूमि हस्तांतरण को सरल बनाएगा।
इसके अतिरिक्त, विधेयक के तहत यह भी प्रस्तावित किया गया है कि कोई धार्मिक या आध्यात्मिक संस्था, जो सरकार से 30 एकड़ से अधिक भूमि नहीं रख सकती, उसे किसी अन्य कार्य के लिए इस्तेमाल करने पर सरकार उसे अपनी अधीनता में ले लेगी।
यह संशोधन प्रस्ताव खासकर हमीरपुर के भोटा में राधा स्वामी सत्संग ब्यास द्वारा संचालित अस्पताल के भूमि हस्तांतरण को लेकर किया गया है, जिसे पहले भूमि हस्तांतरण कानूनों में अड़चन का सामना करना पड़ा था। 25 नवंबर को अस्पताल के गेट पर एक नोटिस चिपकाया गया था, जिसमें कहा गया था कि वे अब सेवाएं नहीं दे पाएंगे, जिसके बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि राज्य सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में भूमि सीमा अधिनियम में संशोधन पेश करेगी।