हमीरपुर 20 जून। उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अमरजीत सिंह ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र 38-हमीरपुर में उपचुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता की अक्षरशः अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए कड़े प्रबंध किए गए हैं। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों और उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर कड़ी नजर रखने के लिए अलग-अलग टीमें तैनात की गई हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार वीडियो सर्विलांस टीम, वीडियो व्यूइंग टीम, उड़न दस्ते, अकाउंटिंग टीम, व्यय निगरानी टीम और अन्य टीमों की तैनाती कर दी गई है।
अमरजीत सिंह ने बताया कि चुनाव में पैसे और अन्य उपहारों के वितरण पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से अधिक कैश लेकर भी न चलें। अगर कोई व्यक्ति 50 हजार रुपये से ज्यादा की नकद धनराशि लेकर चल रहा है, तो उसे उस राशि के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे, अन्यथा वह राशि जब्त की जा सकती है।
इसके अलावा किसी भी खाते से एक लाख रुपये से अधिक की राशि की निकासी या जमा होने पर संबंधित बैंक इसकी सूचना देंगे। यदि निकासी 10 लाख रुपये से अधिक की होगी तो निर्वाचन अधिकारी के साथ आयकर विभाग के नोडल अधिकारी को भी जानकारी दी जाएगी। गूगल पे, फोन पे या फिर पेटीएम आदि के माध्यम से होने वाले लेन-देन पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान शराब, मुफ्त सामान, आभूषण और मतदाताओं को लुभाने के लिए किसी भी तरह की अन्य सामग्री के परिवहन या लेन-देन पर नजर रखने के लिए भी टीमें तैनात की गई हैं।
मतदाताओं को प्रलोभन देने पर हो सकती है सजा
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान रिश्वत या अन्य प्रलोभनों के माध्यम से मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों पर कड़ी नजर रखने के लिए उड़न दस्तों का गठन किया गया है। अमरजीत सिंह ने बताया कि इन लोगों के खिलाफ शिकायत के लिए जिला स्तर पर शिकायत निगरानी कक्ष भी स्थापित किया गया है जोकि 24 घंटे सक्रिय रहेगा। इस शिकायत निगरानी कक्ष के दूरभाष नंबरों 01972-221277, 221377 और 221477 पर किसी भी समय शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा टॉल फ्री नंबर 1950 पर भी शिकायत की जा सकती है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान रिश्वत या अन्य प्रलोभन देने के दोषियों को एक साल तक की सजा और जुर्माना किया जा सकता है।