बीती 14 जुलाई गुरुवार से सावन मास की शुरूआत हो चुकी है। आज 18 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है, हिन्दू धर्म में सावन माह का बहुत महत्व है। इस माह को शिव भक्ति का मास माना जाता है। ये भी कहा जाता है कि भगवान शिव का सबसे प्रिय मास है। इस माह भगवान शिव की आराधना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
शिव पुराण के अनुसार इस माह सोमवार के दिन व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इसी के मद्देनजर नाहन शहर में भी जगह-जगह शिवालयों में भोले के भक्तों का सुबह से तांता लगा रहा। भगवान शिव को जलाभिषेक करने तड़के ही लोग मंदिरों में पहुंचना शुरू हो गए। शहर के मध्य प्राकृतिक छटा के बीच स्थित रानीताल शिव मंदिर के प्रति भक्तों की विशेष आस्था है।
सावन के पहले सोमवार को महिलाएं, पुरुष, बच्चे इत्यादि ज्योतिर्लिंग शिवालय पहुंचना शुरू हो गए। अपनी आस्था व विधि के अनुसार शिव भक्तों ने मंदिर में रुद्राभिषेक कर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके अलावा शहर के अलग-अलग स्थानों पर स्थित शिवालयों में भी भक्तों ने उपस्थिति दर्ज करवाई।
बता दें कि इस बार सावन के चार व्रत क्रमशः 18 जुलाई, 25 जुलाई, 01 अगस्त व 08 अगस्त को होंगे। इसके अलावा 26 जुलाई को सावन मास की शिवरात्रि भी है। सावन मास समाप्त होते ही भाद्रपद मास की शुरुआत होगी।
सावन के पहले सोमवार पर शुभ योग….
आज से सावन मास के व्रत शुरू हो चुके हैं जो बेहद शुभ योग लेकर आए हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन रवि नामक योग पड़ रहा है। इस योग में किसी मंत्र की साधना बेहद फलदायी होती है। मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए महामृत्युंजय का जाप व शिव पुराण का पाठ बेहद लाभकारी है। रवि योग में शिव परिवार की पूजा से भी तमाम कष्ट दूर होते हैं। वहीं पंचमी तिथि होने के चलते नाग पंचमी का पर्व भी माना जाता है। इस दिन भगवान शिव के प्रिय आभूषण नाग देवता की पूजा का विधान है।