राज्यपाल ने राष्ट्र निर्माण में सहयोग का आह्वान किया।

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित व्यक्तियों द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों में सहयोग का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति समाज को दिशा प्रदान करते हैं और लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में सहायता करते हैं।राज्यपाल सोमवार को सोलन जिले के गण की सेर मंे स्थित माधव सृष्टि परिसर में माधव योग आश्रम के शिलान्यास समारोह के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि माधव सृष्टि योग जैसे परिसर समाज के लिए आवश्यक हैं क्योंकि यहां विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य हो रहा है, जिससे कई लोग इस पवित्र कार्य से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि समाज में कई ऐसे लोग हैं जो अतीत से जुड़ें रहते हैं और इनका मानना है कि समाज में सब कुछ ठीक नहीं है। वहीं समाज में एक ऐसा भी वर्ग है, जिन्होंने समाज को जोड़ते हुए कर्म को अपनाया।

माधव सृष्टि योगाश्रम के संस्थापक श्रीनिवास मूर्ति के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वह सही मायने में कर्म योग से जुड़ रहे और दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा कि समाज में कई समस्याएं हैं लेकिन एक कुशल व्यक्ति सामाजिक दायित्वों से जुड़कर समाज के निर्माण में योगदान देता है।राज्यपाल ने कहा, समाज ने हमें बहुत कुछ दिया है और समाज के कल्याण में योगदान देना हमारी जिम्मेदारी है तभी हमारा जीवन सार्थक होगा।

उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्र सदियों से अस्तित्व में है और हमने दुनिया को उदारता का विचार दिया है। हम आज भी विश्व को प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे योग आश्रम हमारे विचारों को दृढ़ करते हैं।इस अवसर पर राज्यपाल ने माधव योग आश्रम को अपने ऐच्छिक निधि से 10 लाख रुपये देने की घोषणा की।

राज्यपाल ने मानव सृष्टि योग आश्रम के निर्माण में योगदान देने वालों को सम्मानित भी किया।इससे पहले, राज्यपाल ने सोलन जिले के गण की सेर में माधव सृष्टि परिसर में 6 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले माधव योग आश्रम की आधारशिला रखी। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों और माधव सृष्टि परिसर के प्रकल्प द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का दौरा भी किया और इसमें विशेष रुचि दिखाई।

उत्तर क्षेत्र के प्रचारक संजीवन ने कहा कि योग का अर्थ एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति, प्रकृति और ईश्वर से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है और आज फिर से योग का महत्व हर घर में पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि कार्य कुशलता योग से ही आती है और वर्तमान में योग के कारण ही विश्व में शांति स्थापित होगी। उन्होंने कहा कि यद्यपि योग समाज का विषय है लेकिन जब यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग बनेगा, तभी हमारा जीवन सार्थक होगा।

योग भारती के संस्थापक श्रीनिवास मूर्ति ने इस अवसर पर राज्यपाल का स्वागत किया और कहा कि योग आंतरिक शक्ति की पहचान है और इस आंतरिक शक्ति को जगाने वाले लोगों ने ब्रह्मांड की रक्षा की है। उन्होंने योग शक्ति के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि आत्मा का विकास तन, मन और बुद्धि के विकास से ही संभव है। उन्होंने भारतीय नस्ल की गाय के पालन और हवन प्रणाली की उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला।

इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. राजीव सैजल, हिमाचल शिक्षा समिति के प्रांत अध्यक्ष मोहन केष्टा, माधव योग आश्रम के अध्यक्ष गुरदीप साहनी, आरएसएस के प्रांत कार्यवाह किस्मत कुमार, विद्याा भारती के क्षेत्रीय सह-संगठन मंत्री बाल कृष्ण, सोलन की उपायुक्त कृतिका कुल्हारी, पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र शर्मा, प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष रशिमधर सूद और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।