राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने मंगलवार सायं जिला किन्नौर के कल्पा में जिला प्रशासन के साथ विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का सफल क्रियान्वयन अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाता है और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचता है, इसलिए अधिकारियों और कर्मचारियों का यह दायित्व है कि वे कर्त्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और समर्पण से कार्य करें।
राज्यपाल ने कहा कि सीमावर्ती गांव वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत शामिल गांव सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। इन गांवों के लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से योजनाएं बनाई जानी चाहिए। इन लोगों के माध्यम से महत्वपूर्ण सूचनाओं का आदान-प्रदान संभव हो पाएगा। उन्हें कुछ स्थानों पर पेयजल आपूर्ति की कमी की जानकारी मिली है। उन्होंने संबंधित विभाग को जल शक्ति मंत्रालय के परामर्श से एक विस्तृत परियोजना तैयार करने का निर्देश दिए।
बैठक में प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान, आयुष्मान भारत योजना, दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, शिक्षा विभाग की मिड-डे मील योजना, समग्र शिक्षा, आतमा परियोजना, एकीकृत बागवानी मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना पर भी विचार-विमर्श किया गया।
उपायुक्त तोरुल रवीश ने राज्यपाल का स्वागत किया और हाल ही में जिले में प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति के अलावा केंद्र द्वारा प्रायोजित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने जिला की विकासात्मक गतिविधियों से भी अवगत कराया। उन्होंने उपमंडल पूह और मल्लिंग नाला तथा कल्पा, निचार, काफनू आदि क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सांगला से पर्यटकों को निकालने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया और किन्नर कैलाश यात्रा के दौरान मलिंग खट्टा के पास भी रेस्क्यू आपरेशन संचालित कर, श्रद्धालुओं को बचाया गया। उन्होंने कहा कि जिले के सभी विभागों को 138 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान है।
बैठक में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की भी विस्तृत जानकारी दी गई। जिला के 55 गांवों को वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत शामिल किया गया है।
बैठक में राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।