गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को भी जानेगा राष्ट्र।

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई लोगों ने देश के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन किया और प्राण तक न्यौछावर कर दिए। इनमें से किन्हीं को पहचान मिली तो कुछ अतीत के पन्नों व गांव में गुम होकर रह गए। अब‌ केंद्र सरकार ने ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों को पहचान दिलाने के लिए पहल शुरू की है, ताकि इनकी कर्तव्यनिष्ठा की जानकारी राष्ट्रीय स्तर तक लोगों को मिल सके।
केंद्र सरकार नेहरू युवा केंद्र के सहयोग से ‘अनसंग हीरोज’ का डाटा एकत्रित करवा रही है। देश व प्रदेश के सभी जिलों में इस तरह के प्रयास नेहरू युवा केंद्रों व अन्य संस्थाओं के माध्यम से चल रहे हैं । ऐसे कई स्वतंत्रता सेनानी है, जिनके बारे में अधिक जानकारी नहीं है।
हालांकि इनकी वीरता के किस्से प्रदेश के गांवों में अक्सर सुने जाते हैं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में नहीं है। अब ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम व विवरण इंडिया गेट पर बने शहीद स्मारक में अंकित किए जाएंगे, जिससे इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके। डाटा एकत्रित करवाया जा रहा है ।बहुत से ऐसे स्वतंत्रता सेनानी ऐसे रह गए हैं, जिनको स्थानीय स्तर तक ही पहचान मिली है ऐसे में उन सभी का डाटा एकत्रित होने के बाद स्मारक में लिखा जाएगा । पूरे देश में यह कार्य चल रहा है।
30 अप्रैल से पहले डाटा एकत्रित करने का निर्देश
सभी नेहरू युवा केंद्र को मुख्य कार्यालय से इसके लिए पत्र मिले हुए हैं। 30 अप्रैल से पहले डाटा एकत्रित करने का कार्य पूरा करना होगा। इसमें स्वतंत्रता सेनानी का नाम, पिता का नाम, घर का पता व आजादी की जंग में दिए गए योगदान की जानकारी देनी होगी।