पोषण अभियान का उद्देश्य जनमानस में स्वास्थ्यवर्धक व्यवहारों की नींव सुदृढ़ कर उसे स्थायित्व प्रदान करना है: सीडीपीओ

प्रत्येक समाज के लिए स्वास्थ्य विशेषकर बच्चों का स्वास्थ्य सर्वाधिक महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि यह उनके सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बच्चों के सर्वांगीण विकास में स्वास्थ्य आदतें, उचित पोषण और अभिभावकों का समुचित पोषण ज्ञान महत्वपूर्ण कारक हैं । इसी तथ्य के दृष्टिगत विगत कुछ वर्षों से प्रत्येक वर्ष सितंबर माह को पोषण माह और मार्च माह के द्वितीय पखवाड़े को पोषण पखवाड़े के रूप में मनाया जा रहा है ताकि जनमानस में स्वास्थ्यवर्धक व्यवहारों की नींव सुदृढ़ हो,  उसे स्थायित्व प्रदान किया जा सके तथा पोषण आवश्यकताओं  को जन आंदोलन का स्वरूप प्रदान किया जा सके। स्वस्थ बाल बालिका स्पर्धा इन आयोजनों का एक महत्वपूर्ण घटक है जो पोषण की दिशा में किये जा रहे प्रयासों का आकलन करने का अवसर प्रदान करता है। उक्त जानकारी देते हुए सीडीपीओ सुजानपुर कुलदीप सिंह चौहान ने बताया कि पोषण अभियान को जन आंदोलन का व्यापक रूप देने, पोषण के प्रति सकारात्मकता उत्पन्न करने, कुपोषण  जैसी शब्दावली से उत्पन्न नकारात्मकता को समाप्त करने तथा स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में  माताओं की भूमिका को उचित सराहना दिलाने के राष्ट्रीय प्रयास जिसे ‘स्वस्थ बाल बालिका स्पर्धा’ का नाम दिया गया है, में इस वर्ष भी अपनी भागीदारी देते हुए बाल विकास परियोजना सुजानपुर द्वारा अपने सभी 123 आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के बज़न और ऊंचाई/ लंबाई का मापन कर उसे पोषण ट्रेकर ऐप पर दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि इस अभियान के माध्यम से 0-6 आयु वर्ग के समस्त बच्चों की वृद्धि व विकास का आकलन कर एक सशक्त डेटाबेस तैयार किया जाएगा तथा स्वस्थ बच्चों के परिवारों विशेषकर माताओं को उनके बच्चों के समुचित विकास में योगदान के लिए स्वस्थ बाल बालिका प्रमाण पत्र भेंट कर सम्मानित कर उनका धन्यवाद किया जाएगा। साथ ही साथ उन परिवारों की माताओं जिनके बच्चे वृद्धि और विकास के मानकों में थोड़ा पीछे रह गए हैं, उनकी कुपोषण के विरुद्ध लड़ाई में एकजुटता और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए उन्हें चिकित्सीय मदद प्रदान की जाएगी । बच्चों के वृद्धि मानकों का डाटा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से भी सांझा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुल 2805 बच्चों का मापन किया गया जिनमें से 5 बच्चे गंभीर रूप से दुबले (सैम) एवं 31 बच्चे मध्यम रूप से दुबले (मैम) पाए गए हैं जो की वांछित लक्ष्य से कहीं बेहतर है। इसी प्रकार 15 बच्चे गंभीर रूप से काम बजनी तथा 65 बच्चे मध्य रूप से कम बजनी पाए गए। उन्होंने बताया की द्वितीय शनिवार को किशोरी संवाद दिवस होने के कारण बच्चो के साथ-साथ किशोरियों के वृद्धि एवं विकास मानकों का भी आकलन किया गया तथा बीएमआई के माध्यम से उन्हें उनके स्वास्थ्य और पोषण में वांछित सुधारों से अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि किशोरियों के वृद्धि मानकों का भी इंडियन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स द्वारा पर उपलब्ध कराए गए मानक चार्टों के आधार पर आकलन कर उनका भी डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इस अवसर पर सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में जन मानस को महिलाओं किशोरों एवं बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के प्रयास में अपनी भूमिका निभाने हेतु पोषण शपथ दिलाई गई। ग्राम पंचायत डूहक, खैरी एवं री में इस अवसर पर पोषण चौपाल का भी आयोजन हुआ जिसमें रीजनल एवं सीजनल पोषक पोषण सामग्री का भी प्रदर्शन किया गया।