बस और टैक्सी किराए में बढ़ोतरी पर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को घेरा

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बस और टैक्सी किराए में बढ़ोतरी पर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को घेरा

शिमला, 25 फरवरी – हिमाचल प्रदेश में परिवहन किराए में बढ़ोतरी को लेकर राजनीति गरमा गई है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि टैक्सी किराए में 50% वृद्धि करना आम जनता के खिलाफ फैसला है। उन्होंने दावा किया कि अब सरकार बस किराए में भी बढ़ोतरी की योजना बना रही है, जिसका प्रस्ताव हाल ही में हुई एचआरटीसी निदेशक मंडल की बैठक में रखा गया था।

एचआरटीसी की बसों में किराया दोगुना करने की योजना

जयराम ठाकुर ने कहा कि एचआरटीसी आम आदमी की सवारी है और सरकार लगातार जनविरोधी फैसले ले रही है। उन्होंने अखबारों में छपी रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि
🔹 एचआरटीसी निदेशक मंडल की बैठक में न्यूनतम बस किराया ₹5 से बढ़ाकर ₹10 करने का निर्णय लिया गया।
🔹 प्रति किलोमीटर किराए में भी 15% तक वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
🔹 यह प्रस्ताव जल्द ही सरकार की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए, क्योंकि यह आम जनता पर आर्थिक बोझ डालने का काम करेगा।

जनविरोधी फैसलों की लंबी सूची

जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार सत्ता में आने के बाद से ही लगातार जनविरोधी नीतियां लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि
पहले टैक्सी किराए में वृद्धि की गई और अब बस किराए में भी बढ़ोतरी की योजना है।
डीजल की कीमतों पर दो बार वैट बढ़ाया गया, जिससे महंगाई पर सीधा असर पड़ा।
बिजली और पानी के बिलों में भी भारी वृद्धि की गई, जिससे आम आदमी पर अतिरिक्त बोझ पड़ा।
एचआरटीसी की फ्रेट पॉलिसी की पहले ही आलोचना हो चुकी है, क्योंकि सरकार ने घरेलू सामान जैसे प्रेशर कुकर, हीटर और दवाओं के बैग पर भी किराया वसूली शुरू कर दी थी।

सरकार को फैसले वापस लेने की मांग

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार जनता पर आर्थिक दबाव डालने के बजाय लोक कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान दे। उन्होंने मांग की कि
📌 टैक्सी किराए में की गई बढ़ोतरी तुरंत वापस ली जाए।
📌 बस किराए में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को खारिज किया जाए।
📌 चुनाव पूर्व दी गई गारंटियों को गंभीरता से लागू किया जाए।

उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने चुनाव से पहले 10 गारंटियां दी थीं, लेकिन अभी तक एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है।

आम जनता पर असर

अगर बस किराया बढ़ोतरी का प्रस्ताव पास हो जाता है, तो हर परिवार पर हजारों रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इससे रोजाना सफर करने वाले यात्री, छात्र, नौकरीपेशा लोग और ग्रामीण इलाकों के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।

सरकार के फैसलों पर बढ़ सकती है राजनीतिक टकराव

नेता प्रतिपक्ष के इस बयान के बाद साफ है कि परिवहन किराए में बढ़ोतरी का मुद्दा राजनीतिक तूल पकड़ेगा। आने वाले दिनों में इस पर और अधिक बहस देखने को मिल सकती है, क्योंकि यह मुद्दा सीधे आम जनता से जुड़ा हुआ है।